गाजीपुर के एलडीएम मिथिलेश कुमार ने पत्रिका से बातचीत में जिले में कैश संकट को लेकर कई जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि जिले में सभी बैंकों की कुल मिलाकर करीब 250 बैंकों की शाखाएं हैं। 100 से अधिक एटीएम हैं। सभी बैंकों को मिला दें तो ब्रांच और एटीएम के लिये रोजाना करीब साढ़े आठ करोड़ के कैश की जरूरत जिले के लिये है। कैश संकट की स्थिति पिछले तीन महीनों से है। डेढ़ महीने पहले आठ करोड़ रुपये कैश मिले थे।
हमारे यहां जंगीपुर, गाजीपुर और मोहम्मदाबार की रिसीविंग ब्रांचों पर आढ़तियों के जमा रुपयों से किसी तरह काम चला रहे हैं पर वह अपर्याप्त है। उन्होंने बताया कि आरबीआई से पिछले दिन बात की गई तो उधर से जवाब आया कि अभी 15 दिन के पहले मैं कुछ बात नहीं कर पाउंगा। 15 दिन के बाद ही स्थिति कुछ सुधरेगी। 15 दिन के बाद कितना कैश मिलेगा या नहीं मिलेगा यह भी क्लियर नहीं।
रहा सवाल कि अभी काम कैसे चल रहा है, तो हमारे यहां गाजीपुर, जंगीपुर और मोहम्मदाबार की रिसीविंग ब्रांच है। इन ब्रांचों में आढ़तियों का रुपया जमा होता है। इसी से किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या कैश की जमाखोरी हो रही है, तो उनहोंने कहा कि कैश डम्प भी किया जा रहा है। इसके अलावा बैंक चाहता है कि लोग विकल्प अपनाएं, पर यहां लोग कैश को ही प्राथमिकता देते हैं। इसके चलते समस्या और बढ़ी है।