जी हां गाजीपुर जिले के खानपुर थाना इलाके में एक गांव है रामपुर, इस गांव के रहने वाले त्रिभुवन सिंह का पड़ोसियों से जमीन विवाद था। सालों से चल रहा ये मामाला धीरे-धीरे जटिल होता गया। जमीन से न तो दबंग किस्म के पड़ोसियों की नजर हटी। न ही अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले त्रिभुवन सिंह का हौसला कम हुआ। जमीन बचाने के कोशिश में त्रिभुवन सिंह ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने त्रिभुवन सिंह के हक में स्टे आर्डर दे दिया।
लेकिन दबंग पड़ोसियों को कब्जाने के लिए नया हथकंडा अपना लिया। पीड़ित त्रिभुवन सिंह का मानें तो हल्का लेखपाल और थाने की पुलिस की मिलीभगत से दबंगों ने उच्च न्यायालय के स्टे के बाद भी पीड़ित की जमीन पर 15 दिन पहले कब्जा कर लिया। ये सब जिस समय हो रहा था पुलिस ने पीड़ित के परिवार को बंधन बनाकर जीप में बैठा लिया। जमीन पर कब्जा कर लिया गया।
जमीन पर कब्जा किये जाने की शिकायत को लेकर जब त्रिभुवन सिंह अगले दिन जिलाधिकारी के पास पहुंचे तो उन्होने मामले की जांच एसडीएम सैदपुर को सौंप दिया । शिकायतकर्ता का आरोप है कि एसडीएम सैदपुर को सभी कागजात और कोर्ट का स्टे आर्डर दिखाने के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। पिछले 15 दिनों से पीड़ित अधिकारियों की दहलीज के चक्कर लगा रहा है। लेकिन हर कोई कोरा आश्वासन देकर उनकी न्याय की उम्मीद को धूमिल कर दे रहा । पीड़ित अपनी जमीन को दबंगों के कब्जे से निकालने के लिए गुहार लगा रहा है लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
यानि जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जमीन पर अवैध या जबरन कब्जा रोकने की बात कह रहे हैं तो वहीं प्रशासनिक अधिकारी के सह पर इसे बढ़ावा भी मिल रहा है ।