मजलिस में जुटे लोगों ने मंच पर अपने किसी धर्मगुरू की तस्वीर लगाई थी। इसी में कासिमाबाद के दरोगा संदीप दूबे की तैनाती की गई थी। आरोप है कि ड्यूटी के दौरान के उन्होने अपने किसी साथी से ये बोलते हुए कमेंट कर दिया कि मंच पर लगी तस्वीर किसी आतंवादी जैसी लग रही है।दरोगा कि इस बात को मंच में शामिल होने जा रहे किसी ने सुन लिया। फिर क्या था। इधर दरोगा जी ड्यूटी समाप्त करने के बाद थाने पहुंचे।
उधर मजलिस समाप्त होते ही उनकी टिप्पणी लोगों के बीच आग की तरह फैल गई। मजलिसदारों ने सीधे कोतवाली पहुंचकर दरोगा के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया। जानकारी के बाद मौके पर सीओ भी जा पहुंचे। लोग वीडियो बनाने लगे। हंगामा की स्थिति बनने देख पुलिस के जवानों ने लोगों को शांत कराकर घर भेजा।