दरअसल मां का अंतिम संस्कार करने के लिए भाई- बहन एक दूसरे के सामने आ गए। बात इतनी बढ़ गई कि मां की अर्थी समेत भाई-बहन थाने पहुँच गए। थाने पर थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी के हस्तक्षेप के बाद महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि दुल्लहपुर थाना इलाके के जगदीशपुर निवासी तिजिया देवी अपने पति की मौत के बाद वो अपने लड़की पारमती देवी के घर सिन्धुबारी गांव में रहती थी । गुरुवार की रात तिजिया देवी का निधन हो गया । बेटी पारमती देवी अपने मां के अंतिम संस्कार की शुक्रवार को तैयारी करवा रही थी ।
बता दें कि दुल्लहपुर थाना इलाके के जगदीशपुर निवासी तिजिया देवी अपने पति की मौत के बाद वो अपने लड़की पारमती देवी के घर सिन्धुबारी गांव में रहती थी । गुरुवार की रात तिजिया देवी का निधन हो गया । बेटी पारमती देवी अपने मां के अंतिम संस्कार की शुक्रवार को तैयारी करवा रही थी ।
वहीं मां के मौत की जानकारी होने पर मृतका का पुत्र जगदीशपुर गांव निवासी गोरख राम अपने बहन के घर पहुंच गया और वह अपने माँ के अंतिम संस्कार के लिए अपने माँ के शव की मांग करने लगा । जब बहन ने शव देने से इनकार कर दिया तो मृतका का पुत्र दुल्लहपुर थाने पहुंच गया और बहन के खिलाफ मां के शव गायब करने की तहरीर थाने में दे दिया ।
तहरीर मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी अपने हमराहियों के साथ मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद बहन अपने माँ की अर्थी के साथ थाने पहुच गई। थाने में थानाध्यक्ष के सामने घंटो चली पंचायत के बाद मामला तब शांत हुआ। जब थानाध्यक्ष ने दोनों से ये कहा कि पहले दोनों अपने सहमति मां का अंतिम संस्कार कराओ नहीं तो यह काम मैं खुद कानूनी दायरे के अंतर्गत मैं अंतिम संस्कार कराऊंगा।
जिसके बाद ग्रामीणों ने दोनों को काफी समझाया बुझाया तब भाई-बहन दोनों सहमत हुए औऱ अपने माँ के अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए और शव लेकर श्मशान घाट चले गए और अंतिम संस्कार किया। वही मृतका का पुत्र गोरख राम ने बताया कि इसी तरह मेरे पिता के निधन होने के बाद भी पिता शव अंतिम संस्कार के लिए नहीं दिया था। दरअसल भाई-बहन के बीच मां- बाप की सम्पति पाने के लिए ये पूरा ड्रामा चल रहा था।