धर्मशास्त्रों में दीपावली के पूजन में प्रदोष काल गृहस्थों और व्यापारियों के लिये अहम होता है। दिन रात के संयोग काल को ही प्रदोष काल कहा जाता है। दिन विष्णु स्वरूप तो रात माता लक्ष्मी स्वरूपा है। इन्हीं दोनों के संयोग से प्रदोष काल बनता है। इस काल में दीपावली पूजन को श्रेष्ठ कहा बताया जाता है। दीप प्रज्वलित करने के लिये यह काल उत्तम फलदायक है।
इस बार घरों में दीपावली पूजन का मुहूर्त 5.45 से 7.53 बजे तक है, जबकि दीपावली पर व्यापारियों के लिये अलग मुहूर्त हैं।