किसान तौफीक अहमद ने बताया कि उन्होंने दो अलग-अलग खेतों में करीब 3 बीघा मूली उगाई थी। इसमें करीब 80 से 85 हज़ार रुपए की लागत आई थी। फसल अच्छी थी। उम्मीद थी कि इस बार 2 से 3 लाख लाख का मुनाफा होगा, पर लॉकडाउन ने सब बर्बाद कर दिया। तौफीक ने बताया कि एक खेत में खड़ी मूली की फसल वह पहले ही बर्बाद करा चुके हैं, दूसरा आज करा दिया।
खेत में खड़ी मूली की फसल जुताने वाले किसान तौफीक अहमद ने कहा कि लॉकडाउन के चलते में कोई एक रुपए प्रति किलो के भाव से भी मूली लेने को तैयार नहीं है। अब खेत को दूसरी फसल की जोत के लिए भी तैयार करना है। उन्होंने बताया, क्या करें, बिक ही नहीं रहा। बक्सर बिहार सब बंद है। खेत में खड़े-खड़े फसल खराब हो रही है। बीते 20 दिनों से बेचने का प्रयार करें। अब और इंतजार नहीं कर सकता, क्योंकि अगली फसल बोने के लिए खेत भी खाली करना है। मजबूरी में फसल पर ट्रैक्टर चलवाना पड़ा है।
जिलाधिकारी बोले
जनपद में किसानों के लिए एफपीओ बने हैं। किसानों से फिर कहेंगे कि वे एफपीओ के माध्यम से अपनी फसलों को बेचें। कोई दिक्कत आए तो कंट्रोल रूम या हमसे संपर्क करें।- ओमप्रकाश आर्य, जिलाधिकारी गाजीपुर
जनपद में किसानों के लिए एफपीओ बने हैं। किसानों से फिर कहेंगे कि वे एफपीओ के माध्यम से अपनी फसलों को बेचें। कोई दिक्कत आए तो कंट्रोल रूम या हमसे संपर्क करें।- ओमप्रकाश आर्य, जिलाधिकारी गाजीपुर