गाजीपुर

अंग्रेजों के जमाने में ऐसी होती थी वोटर लिस्ट, जमानियां में सिर्फ 50 लोग दे सकते थे वोट

जमानिया विधानसभा के एक परिवार ने सहेज कर रखी है 1904 से 1945 तक की वोटर लिस्ट।
1904 से वोट देता चला आ रहा हे दिलदारनगर के नसीम खां का परिवार।
अंग्रेजों के जमाने में हिंदू-मुसलमान की अलग-अलग होती थी वोटर लिस्ट।
खान परिवार ने सहेज कर रखी हैं अंग्रेजों के समय चुनाव की यादें।

गाजीपुरMay 29, 2019 / 03:51 pm

रफतउद्दीन फरीद

जमानिया की वोटर लिस्ट आजादी के पहले

एमआर फरीदी
गाजीपुर . चुनाव का मौसम है और वोटों की मारामारी चरम पर है। करोड़ों लोग अपना रहनुमा चुन चुके हैं और जो बचे हैं उन्होंने भी फैसला कर लिया होगा कि किसे चुनना है। जनप्रतिनिधि चुनने की जितनी आजादी और सहुलियत अब है, अंग्रेजों के राज में ऐसी नहीं थी। तब आज की तरह 18 साल की उम्र पार कर लेने वाला हर आदमी वोटर नहीं हुआ करता था। महिलाओं को भी वोट देने की ये आजादी नहीं थी। पत्रिका के हाथ 1904-05 की वोटर लिस्ट लगी है, जिससे पता चलता है कि उस वक्त अपना जनप्रतिनिधि चुनने की इजाजत सबको नहीं थी। अंग्रेजों के दिखावे के चुनाव में भी सिर्फ वही वोट दे सकते थे जो टेक्स देकर ईस्ट इंडिया कंपनी का खजाना भर सकते थे।
 

 

पत्रिका के हाथ 1904-05 की जो वोटर लिस्ट लगी है वह गाजीपुर जिले की तहसील जमानियां की है। यह तहसील अब जमानियां विधानसभा का रूप ले चुकी है। तब इस तहसील में वर्तमान समय के चंदौली जिले का भी कुछ हिस्सा आता था। दिलदार नगर के जिस परिवार ने वोटिंग के ये दस्तावेज आज तक संभालकर रखे हैं उसके वर्तमान मुखिया नसीम खां ने बताया कि 1857 के बाद डिस्ट्रक्ट और लोकल बोर्ड के मेंबर चुने जाते थे। तब के डिस्ट्रिक्ट बोर्ड का आज का लोकसभा क्षेत्र और लोकल बोर्ड को आज का विधानसभा क्षेत्र समझा जा सकता है। आगे चलकर अंग्रेजी सरकार चुनावों में बदलाव करती रही। खान परिवार के पास 1904-05, 1906-07, 1918-19 और 1945 की वोटर लिस्ट, अब भी पढ़ी जा सकने वाली हालत में मौजूद है।
 

Zamania Voter List
 

नसीम खां के मुताबिक उनके पास जो सबसे पुरानी 1904-05 की वोटर लिस्ट है उसमें तब की जमानियां तहसील क्षेत्र के महज 50 लोगों के नाम हैं। इनमें भी ज्यदातर जमींदार और मुखिया जैसे लोग ही हैं। ये वो लोग हैं जो ईस्ट इंडिया कंपनी को टैक्स दे सकते थे। वोटर लिस्ट में नाम, पिता का नाम, इलाका और उनके पेशे का जिक्र है।
 

Zamania Voter List
 

50 लोगों की लिस्ट में जमानियां तहसील क्षेत्र के मतसां के हिंदी के अग्रणि निबंधकार कुबेरनाथ राय के परदादा बाबू रघुनाथ राय का नाम तीसरे नंबर पर है। जमानियां कस्बा के मु. जमा खां पुत्र झनकू खां पठान, चौधरी मु. इसकाह, नूर खां पुत्र सरदार खां, शम्सुज्जमा खां पुत्र नवाब मीर खां समेत उस वक्त के जाने माने 50 लोगों के नाम लिस्ट में शामिल हैं।
 

Zamania Voter List
 

लिस्ट में 32 हिंदू और 18 मुसलमानों के नाम हैं, जिनमें चार कैंडिडेट भी शामिल हैं। उनके पास 1945 की सेंटर लेजिस्लेटिव असेंबली की 26 लोगों की वोटर लिस्ट भी है, जिसमें सिर्फ मुस्लिमों के नाम हैं। इससे यह साफ है कि आजादी के पहले अंग्रेज समाज को बांटने के लिये वोटर लिस्ट भी धार्मिक आधार पर तय करते थे। इस लिस्ट के वोटर कांस्टीट्यूऐंसी बनारस व गोरखपुर कमिश्नरियों और देहाती रकबा चुनाव करने वालों की है। इसमें कुल 26 वोटरों के नाम हैं और वो सब अंग्रेजों के टेक्स पेयर थे।
 

Zamania Voter List
 

नसीम खां बताते हैं कि उनके दादा हाजी मु. शम्सुद्दीन खां पुत्र नसीर खां जमींदार थे और उन्हें दस्तावेजों को सहेजकर रखने का शौक था। खान परिवार के पास औरंगजेब से लगायत ईस्ट इंडिया कंपनी तक के दस्तावेज हैं। कई पांडुलिपियां हिंदी, अंग्रेजी और फारसी भाषा में हैं, जिन्हें आज तक परिवार ने सहेजकर रखा है। इसके अलावा ढेर सारी किताबें भी हैं। परिवार अब इन्हें एक संग्रहालय का रूप देने की कवायद में जुटा है। इसके लिये दिलदारनगर में अल दीनदार शम्सी संग्रहालय व पुस्तकालय की स्थापना की जा रही है।

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