इस मामले में निचली अदालत के आरोपियों को बरी करने के फैसले के खिलाफ अलका राय के अलावा केन्द्रीय जांच एजेंसी भी आरोपियों को बरी करने के फैसले को पिछले सप्ताह हाईकोर्ट में चैलेंज कर चुकी है।
बताते चलें कि भाजपा नेता कृष्णानंद राय गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से 2002 में विधायक चुने गए। 29 नवंबर 2005 को छह लोगों के साथ दिन दहाड़े गोलियों से छलनी कर उनकी हत्या कर दी गयी। इसका आरोप बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी और उनके भाई सांसद अफजाल अंसारी समेत आठ लोगों पर लगा। इलाहाबाद हाईाकोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड की सीबीआई जांच का निर्देश दिया था। जुलाई 2019 में आरोपितों मुख्तार अंसारी, अफजाल अंसारी, एजाजुल हक, संजीव माहेश्वरी, राकेश पांडेय, रामू मल्लाह और मंसूर आलम को बरी कर दिया गया।