गैंगस्टर एक्ट के तहत गाजीपुर प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। कार्रवाई के दौरान यूसुफपुर बाजार में हड़कंप मचा रहा। प्रशासन के अनुसार कुर्क की गई संपत्ति की अनुमानित कीमत 26 लाख 18 हजार रुपये है। पुलिस और प्रशासन की इस कार्रवाई से माफिया के करीबियों, रिश्तेदारों और परिजनों में खलबली मची हुई है।
पैतृक संपत्ति के बंटवारे में मुख्तार ने यूसुफपुर बाजार का एक भूखंड अपने चचेरे भाई मंसूर अंसारी के नाम कर दी थी। उसी भूखंड पर मंसूर ने दुकानों का निर्माण व्यावसायिक दृष्टि से कराया था। बीते छह मार्च को एसपी ओमवीर सिंह ने विवेचक के आख्या रिपोर्ट पर कार्रवाई की संस्तुति की थी।
Umesh pal Hatyakand : वारदात से पहले ही अतीक के बेटे को बचाने की रच ली गई थी साजिश
कुर्की के साथ सील की गई दुकानेंरविवार को एसपी ग्रामीण बलवंत चौधरी, मुहम्मदाबाद एसडीएम डा. हर्षिता तिवारी, सीओ हितेंद्र कृष्ण एवं कोतवाल घनानंद त्रिपाठी के नेतृत्व में पहुंची पुलिस एवं राजस्व टीम ने 18 दुकानों को खाली कराकर मुनादी करने के साथ कुर्क कर लिया। इन दुकानों को सील कर दिया गया है। इस दौरान सुरक्षा के व्यापाक इंतजाम किए गए थे।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर डंपर में पीछे से घुसी कार, पांच लोगों की दर्दनाक मौत
अपराधियों पर लगातार चल रहा शासन का डंडाशासन का डंडा लगातार भू-माफिया और अपराधियों के खिलाफ चल रहा है। बीते 21 फरवरी को मुहम्मदाबाद प्रभारी निरीक्षक घनानंद त्रिपाठी ने पुलिस अधीक्षक को आख्या रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि यूसुफपुर दर्जी टोला निवासी मुख्तार अंसारी एक गिरोह बनाकर खुद अपने गैंग के सदस्यों के लिए आपराधिक और समाज विरोधी कार्य कर संपत्ति अर्जित की है।