बता दें कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को तमाम परेशानियों से दो-चार होना पड़ा। एक तरफ बेरोजगारी बढ़ी तो दूसरी तरफ आम लोगों का जनजीवन बहुत ही कठिन दौर से गुजरने लगा है। ऐसे में विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में प्रदेश के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने मीडिया के मार्फत मनरेगा स्कीम में मूलभूत तब्दीलियां की मांग की है। सिंह ने कहा कि मनरेगा के तहत महज 100 दिन का काम दिया जाता है। इसे बढ़ाकर 200 दिन किया जाना चाहिए। साल में 365 दिन होता है, और महज 100 दिन के रोजगार पर किसी भी परिवार का भरण पोषण संभव नहीं है।
वहीं उन्होंने यह भी कहा कि पक्के और कच्चे कामों के अनुपात पर भी सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। आगामी मानसून को देखते हुए मनरेगा के तहत कराए जाने वाले कार्य का अनुपात 75:25 यानी पक्के काम 75 फ़ीसदी और मिट्टी से जुड़े कार्य 25 फ़ीसदी होना चाहिए। जिससे कि लोगों को बरसात के दिनों में भी रोजगार मुहैया होता रहे। अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो मानसून के आगमन पर चकरोड की कटाई पोखरे की सफाई आदि कार्य बाधित हो सकते हैं और मनरेगा के तहत रोजगार मिलने वाले युवाओं को बेकार ही बैठना पड़ेगा।