जम्मू कश्मीर में शहीद श्यामनारायण यादव का पार्थिव शरीर बाबतपुर एअरपोर्ट लाया गया, गांव में जुटे हजारों लोग
शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग जमा हैं

गाजीपुर. जम्मू कश्मीर में पाक की तरफ से गोलीबारी में घायल सूबेदार मेजर श्यामनारायण यादव ईलाज के दौरान शहीद हो गये। शहीद के शव को रविवार की देर शाम वाराणसी के बाबतपुर एअरपोर्ट पर लाया गया। उत्तर- प्रदेश सरकार के मंत्री अनिल राजभर शहीद को श्रदांजलि दी। यहां से उनके पार्थिव शरीर को गाजीपुर जिले के उनके पैतृक गांव हसनपुरा ले जाया जा रहा है। शहीद की मौत की खबर से पूरे जनपद में एक बार फिर शोक का माहौल है। उधर शहीद के पैतृक गांव में शव पहुंचने की सूचना के बाद आस-पास के लोगों को तांता लगा है। बताया जा रहा है कि शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग जमा हैं।
शहीद श्याम नारायण यादव सीआरपीएफ में सूबेदार के पद पर तैनात थे। मुखराम यादव के पांच बेटों में श्याम नारायण यादव चौथे नंबर पर थे। उनके दो बेटे हैं बड़ा अरविंद (23 वर्ष) और छोटा प्रवीण सिंह यादव (20 साल) प्रयागराज में रहकर पढ़ाई कर रहा है। परिजनों का खबर मिलने के बाद रो-रोकर बुरा हाल है। 105 साल की बूढ़ी मां सितावती देवी ने मांग किया की प्रधानमंत्री को बुलाया जाय। पत्नी प्रमिला यादव भी रोते-रोते बेसुध हो जा रही थीं। बेटे अरविंद ने बताया कि जब हमने बात की थी तब वो कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं थे। शनिवार की रात दो बजे हमें पता चला कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहे। बतादें कि श्यामनारायन यादव 1 मार्च को कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंवादियों से मुठभेड़ के दौरान हुए थे घायल।कल 2 मार्च को इलाज के दौरान उनकी हुई थी मौत हो गई।
जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर में आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान हुई मुठभेड़ में चार सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए। इसी घटना में श्याम नारायण गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हुए थे। शनिवार की देर रात उनकी मौत की खबर गाजीपुर में उनके परिजनों को मिली थी।
घटना के बाद शहीद के परिवार में गुस्सा है। उनकी मां ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलाने की मांग की है। बेटे का कहना है कि पाकिस्तान जिस भाषा में समझे उसे उसी भाषा में समझाना चाहिये, जबकि भाई का कहना था कि फौज को पूरी छूट दे देनी चाहिये ताकि वो पाकिस्तान को सुधार दे।
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