आपको बताते चलें कि एमएलसी चुनाव के दौरान सपा के घोषित प्रत्याशी भोलानाथ मिश्र ने अपना नामांकन वापस ले लिया था, तो सपा ने अपने ही बागी और निर्दल प्रत्याशी मदन यादव को समर्थन देखकर भाजपा के सामने चुनौती खड़ी कर दी है, सपा हर हाल में चुनाव चाहती थी, वो बीजेपी को वाक ओवर नहीं देना चाहती थी, क्योंकि हालिया हुए विधानसभा चुनाव में सातों सीट पर सपा और उसके सहयोगी दल सुभासपा ने अपना परचम लहराया था। ऐसे में बड़ा गांव की महिला ग्राम प्रधान शशि यादव के पति सस्पेंद्र यादव जो सपग नेता भी हैं उन्होंने 30 मार्च को सोशल मीडिया पर प्रमाणपत्र छीने जाए और मारपीट का एक वीडियो बीजेपी समर्थकों पर इल्जाम लगाते हुए डाला था, और सादात थाने में तहरीर भी दी है जबकि सादात थाने में ही सादात (सु०) सीट की ब्लाक प्रमुख केवली देवी के प्रतिनिधि विक्रम राम ने मारपीट का एक मुकदमा सस्पेंद्र यादव के खिलाफ मुकदमा दायर किया हुआ है, फिलहाल मामला पूरी तरह राजनीतिक है, और आज उन्हीं सस्पेंद्र यादव की पत्नी ने मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाया था, जिसको जिलाधिकारी ने जांचकर निराधार बताया है, फिलहाल अखिलेश यादव के ट्वीट पर जनपद में तरह-तरह की बातें हो रही हैं, लोग कह रहे हैं कि एक बार सपा सुप्रीमों को इस वीडियो को ट्वीट करने से पहले जमीनी हकीकत जान लेनी चाहिए थी।