मुख्तार अंसारी के करीबी कारोबारी डाॅ. साजिद सिद्दीकी के गंगा किनारे बने आलीशान को जिला प्रशासन ने जांच का हवाला देते हुए अवैध बताया था, जिसके बाद एसडीएम कोर्ट ने इसे गिराने का आदेश दिया था। पर इस आदेश के खिलाफ के मालिकान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां से उन्हें कुछ मोहलत मिल गई। हाईकोर्ट ने मामले में जिलाधिकारी कोर्ट को वादी की अपील सुनने का आदेश दिया था। इसके बाद डीएम ने आठ सदस्यी टीम का गठन कर उनसे इस मामले में फिर से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने ध्वस्तीकरण का आदेश जारी कर दिया।
अस्पताल प्रशासन से जुड़े सदस्य शहाबुद्दीन ने बताया कि मुख्तार अंसारी बंधु से जोड़कर हमारे खिलाफ षड़यंत्र कर कार्रवाई की गई है। मामला 2010 से चल रहा था, उन्होंने नक्शा मांगा तो हमने उनको नक्शा दिया। हमने मास्टर प्लान को चैलेंज किया कि मास्टर प्लान में रौजा शाह बरखुरदार नहीं है। हम एसडीएम कोर्ट के खिलाफ हाईकोर्ट गए। हाईकोर्ट ने अपील दाखिल करने को कहा। हमारी कोई भी बात नहीं सुनी गई। रात में आदेश जारी होने के बाद ही कार्रवाई शुरू कर दी गई। यहां 100 छात्रों का भविष्य अधर में है और 100 से अधिक कर्मचारियों की रोजगार का संकट पैदा हो गया है।
By Alok Tripathi