पुलिस के मुताबिक साल 1997 और 2017 में डीबीबीएल गन और राइफल का लाइसेंस गाजीपुर के जिलाधिकारी द्वारा निरस्त कर दिया गया। इसकी नोटिस भी तामील करा दी गई। बावजूद इसके आरोप है कि मुख्तार अंसारी द्वारा न तो लाइसेंस और न ही असलहे जमा कराए गए। दोनों असलहों का कोई पता नहीं चल पाया।
पुलिस अधीक्षक डाॅक्टर ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि नियमत: असलहों लाइसेंस निरस्त हो जाने के बाद लाइसेंस और असलहा दोनों जमा करान होता है। पर बार-बार नोटिस तामील कराने के बावजूद न तो असलहा और न ही लाइसेंस जमा कराया गया। यह आर्म्स एक्ट का खुला उल्लंघन है। इसी मामले में आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर विवेचना की जा रही है।
By Alok Tripathi