बतादें कि 5 नवम्बर 2017 को विधायक अल्का राय निकाय चुनाव के लिये गाजीपुर सदर से प्रत्याशी सरिता अग्रवाला का नामांकन कराकर वापस अपने क्षेत्र में लौट रही थीं। उन्होंने दावे के साथ कहा कि जब वह अटवामोड़ चौकी के पास से गुजर रही थीं तो वहां नोनहरा थानाध्यक्ष केपी सिंह मोख्तार अंसारी के गुर्गे अमित राय से बात करते व गले मिलते दिखे। उन्होंने गाड़ी रोकी तो केपी सिंह ने अमित राय को भगा दिया। इसके बाद इन्होंने थानाध्यक्ष से पूछा तो वह टालमटोल करने लगा। आरोपी अपराधी की गाड़ी और ड्राइवर को पकड़ लिया गया है। ये देखते हुए अल्का राय धरने पर बैठ गई। उनका आरोप था कि उनके द्वारा बताए हुए एक युवक को नहीं पकड़ा गया। विधायक ने दावा किया कि युवक अमित राय बाहुबली मोख्तार अंसारी बंधुओं का खास गुर्गा। उन्होंने दावा किया है कि नोनहरा थानाध्यक्ष अमित राय से गले मिल रहे थे और जब उन्होंने उसे पकड़ने के लिये कहा तो उन्होंने हिरासत में लेने के बजाय उसे जाने दिया। थानाध्यक्ष पर उन्होंने अंसारी बंधुओं के प्रति नरमी बरत रहे हैं।
पुलिस कार्रवाई करने का दिया था आश्वासन कृष्णानंद राय की पत्नी अल्का राय का कहना है कि जिले के पुलिस अधीक्षक और जिलाअधिकारी बालाजी सहित कई अधिकारियों के ने घटना की जांच कर कार्रवाई करने की बात कहते हुए 24 घंटे का समय मांगा है। डीएम ने आचार संहिता का हवाला देते हुए यह 24 घंटे का समय मांगा है। अल्का राय का कहना है कि अगर पुलिस से संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो हम आगे बढ़कर कार्रवाई करेंगे।