हो ये रहा है कि अधिकारी फर्जी तरीके से समास्याओं का निस्तारण कर दे रहे हैं। जब की जमीन पर कुछ ऐसा नहीं हो रहा। जिसकी समस्या वो परेशान ही रह रहा है। यहां भी कुछ ऐसा मामला सामने आय़ा है। जिसमें शिकायतकर्ता ने जनसुनाई पोर्टल पर शिकायत किया। पोर्टल पर शिकायत का निस्तारण कर भी दिया गया लेकिन पीड़ित ने बताया कि उसे न्याय मिला ही नहीं।
जी हां भीखम अमहट गांव के रहने वाले लोगों की मानें तो इस गांव के प्रधान ने पुराने शौचालयों पर इज्जतघर लिखवा कर उसे नयी शौचालय निर्माण की सूची में शामिल कर दिया। प्रति शौयालय के नाम पर तकरीबन 12 हजार रूपये प्रधान से सरकार का खा लिया। इस तरह से 92 शौचालय के निर्माण में लाखों रूपये का गबन किया गया। इसी को लेकर अमहट गांव के रहने वाले बृजेश सिंह ने जनसुनवाई पोर्टल पर इसकी शिकायत की। हैरान करने वाली बात ये कि ग्राम पंचायत अधिकारी और विभागीय अधिकारियों ने मिलकर मामले को पोर्टल पर निस्तारण भी दिखा दिया। लेकिन पत्रिका से बातचीत में शिकायतकर्ता बृजेश सिंह ने बताया कि संबन्धित अधिकारियों की तरफ से किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
पोर्टल पर दी गई झूठी जानकारी बृश सिंह की शिकायत पर अधिकारियों ने जो रिपोर्ट दिया वो और भी हैरान करने वाला है। पहले तो गांव में कोई टीम जांच करने गई ही नहीं। दूसरी बात ये कि जिला स्तर पर आईजीआरएस पोर्टल पर ये रिपोर्ट दी गई कि सभी शौचालय नवनिर्मित है और किसी भी पुराने निर्मित शौचालय को सूची में शामिल नही किया गया है । गांव के लोग इस बात से परेशान हैं कि उनका 15 साल पुराना बना शौचालय नव निर्मित कैसे हो गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि होगी जांच इस प्रकरण में जब पत्रिका संवाददाता ने जिला पंचायत राज अधिकारी से बात किया तो उन्होने तत्काल एडीओ पंचायत को इसकी सच्चाई जानने के लिए निर्देशित करने की बात कही। उनका कहना है कि अगर ऐसा किया जा रहा तो ये बेहद गंभीर है। जल्द इसपर कार्रवाई की जायेगी। वहीं जिलाधिकारी ने कहा कि इसकी जांच के लिए टीम का गठन किया जायेगा। ताकि मामले की सच्चाई लोगों के सामने आ सके।