सपा-बसपा गठबंधन पर बोले, दो दिल मिले हैं ओम प्रकाश राजभर ने सपा बसपा के गठबंधन के सवाल पर बड़े ही शायराना अंदाज में दो दलों के मिलन को दिलों का मिलना बताया और बोले, ‘जहां दो दिलों की मुलाकात होगी, जुबां चुप रहेगी मगर बात होगी’। कहा कि अब भी वक्त है अगर ओबीसी कोटे के बंटवारे की मेरी मांग मान लें तो कांटे की टक्कर होगी वर्ना यूपी में आसान नहीं होगा। मैंने यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर सर्वे कराया है। हर एक में पांच से सात लाख अति पिछड़े वोटर हैं। ऐसे में ओबीसी कोटे में बंटवारा फायदेमंद हो सकता है। सपा-बसपा गठबंधन में सुभासपा के लिये सीटें छोड़ने के सवाल को टाल गए और कहा कि मुझे ये आप लोगों से पता चल रहा है।
अपनी तारीफ पर बोले, अखिलेश यादव ने सच कहा मऊ की जनसभा में अखिलेश यादव ने ओम प्रकाश राजभर की तारीफ करते हुए कहा था कि अकेले मंत्री हैं जो सच बोलते हैं। इस पर राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव ने गलत नहीं कहा है। पूरे देश में चर्चा है कि सरकार में रहकर मैं गरीब और पिछड़ों की बात करता हूं और मंत्री पद का लालच भी नहीं है। साथ ही यह भी जोड़ा कि सपा-बसपा और कांग्रेस सब चाहते हैं कि मैं उनके साथ आ जाउं। बिहार में राजद भी यही चाहती है। पर वर्तमान समय में मैं बीजेपी के साथ हूं। बीजेपी गठबंधन से कितनी सीटें चाहिये इसे टाल गए।
नाराज सवर्णों को मनाने के लिये लाए 10 प्रतिशत आरक्षण ओम प्रकाश राजभर ने मोदी सरकार के सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के फैसले को नाराज सवर्णों को मनाने के लिये हथकंडा करार दिया। उन्होंने कहा कि एससी/एसअी एक्ट को लेकर सवर्णों के विरोध का बीजेपी को एमपी, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में खामियाजा भुगतना पड़ा। पांच लाख लोगों ने तो नोटा दबाया। उसी नाराजगी को कम करने के लिये बीजेपी 10 फीसदी आरक्षण ले आयी है। सदन में इसके लिये संविधान संशोधन का किसी पार्टी के विरोध न करने पर कि वोट के डर से किसी ने ऐसा नहीं किया।
CBI चीफ को हटाने पर उठाए सवाल राजभर ने पूर्व CBI चीफ आलोक वर्मा को हटाने को लेकर भी मोदी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि रात को दो बजे हटाया गया तो वो गलत था, ऑफिस खुलता तब हटाते। रात को जो हुआ उसे मैं सही नहीं मानता। कांग्रेस की सरकार थी तो बीजेपी उस पर सीबीआई के इस्तेमाल का आरोप लगाती थी।