क्या यह सचमुच कोई खगोलीय घटना है सूरज के किनारे सतरंगी छल्ला बनना कोई खगोलीय घटना नहीं। बीएचयू के वैज्ञानित बताते हैं कि यह एक लाइट रिफ्लेक्शन है। बारिश के दिनों में अक्सर किरणें परावर्तित होती हैं तो इस तरह का नजारा देखने को मिलता है। यह नजारा बहुत कम समय के लिये होता है। इसे इन्द्रधनुष की तरह ही समझना चाहिये। वैसे वैज्ञानित भाषा में इसे ‘हेलो’ कहा जाता है।
By Alok Tripathi