पुलिस ने ये भी बताया कि मृतक सुनील यादव कंपनी का सामान लेने 11 मार्च को गया था। घर वाले इंतजार करते रहे लेकिन वो अगले दिन भी नहीं आया। 13 मार्च तक भी उसके घर न आने के बाद थाने में घर वालों तहरीर दिया। पुलिस ने जांच शुरू कर दिय़ा। क्राइम ब्रांच ने लगी तो परत दर परत बात खुलने लगी। पुलिस एक डीसीएम ट्रक बरामद किया जिसमें एक कंपनी सामान लदा था और उसका कोई चालान नहीं था।
डीसीएम के मिलते ही संदेह गहरा गया। पूलिस ने डीसीएम से छह लोगों को पकड़ लिया और दो भाग निकले। पूछताछ में आसिफ ने बताया कि वह सैदपुर का रहने वाला है। 11/12 मार्च की रात मुस्ताक और इश्तियाक उसे और अन्य पांच लोगों को साथ चलने के लिए कहा। डीसीएम से वो जा रहे थे कि शादियाबाद थाना इलाके में कंपनी का सामान लादकर सुनील भी जा रहा था। इन बदमाशों ने सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर दिया। दूसरे डीसीएम का चालक सुनील यादव अपनी गाड़ी से उतरकर नीचे आया। उसके पहुंचते ही बदमाशों ने उसे गला दबाकर मार डाला। शव को फेंक दिया। डीसीएम को लूट लिए और निकल लिए। मंगलवार को पुलिस ने मामले का खुलासा कर दिया है।