script

गाजीपुर जिला अस्पताल में भी भारी लापरवाही, कई वार्ड में सिलेंडर नहीं

locationगाजीपुरPublished: Aug 12, 2017 06:48:00 pm

गाजीपुर जिला अस्पताल में  रियल्टी चेकिंग के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं

reality check of ghazipur district hospital

गाजीपुर जिला अस्पताल में भी बड़ी लापरवाही

गाजीपुर. बीआरडी मेडिकल कालेज में 30 मासूम बच्चों की ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के बाद गाजीपुर जिले के जिला अस्पताल के ऑक्सीजन का रियल्टी चेक किया गया है। रियल्टी चेक के दौरान कई चौंकाने वाली बातें सामनें आईं। जानकारी के मुताबिक गाजीपुर जिला अस्पताल 150 बेड का है। जिसमें ऑक्सीजन के नाम पर के 35 से 40 ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद है। वह भी मरीजों को बिना मास्क के तीमारदारों द्वारा पाइप पकड़ कर मरीजों को लगाया गया था और फायर सिलेंडर पूरे अस्पताल को आग से बचाने के लिए 6 है। वहीं सीएमएस ने 26 डॉक्टरों के एवज में 17 डॉक्टर की ही तैनाती बताया। 17 डॉक्टरों में एक ही सर्जन डॉक्टर है अगर सर्जन छुट्टी चले जाते है तो अस्पताल बिना सर्जन का हो जाता है। फिलहाल लोग जिला अस्पताल को अब केवल रेफर अस्पताल के नाम से पुकारते है।
प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था खुद वेंटिलेटर पर है। जिसका जीता जागता उदाहरण कल गोरखपुर में हुए ऑक्सीजन की कमी के कारण 30 मासूम बच्चों की मौत के बाद सामने जो आया वह उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सोचने को मजबूर करता है। ऐसे में गाजीपुर के स्वास्थ्य महकमा का क्या हाल है यहां के मरीजों को कैसे ऑक्सीजन दिया जा रहा है जब उसका रियल्टी चेक किया तो चौकाने वाला नजारा देखने को मिला। 150 बेड के इस जिला अस्पताल में 35 से 40 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जाती ही। आज रियल्टी चेक के दौरान कई वार्ड जिसमें बच्चा वार्ड, आईसीयू, हार्ट विभाग समेत कई वार्डों में ऑक्सीजन के सिलेंडर नदारद दिखे। वहीं जब महिला वार्ड में पहुंचे तो वहां पर एक महिला मरीज को वगैर मास्क के पाइप के सहारे परिजन ऑक्सीजन के पाइप को पकड़ कर चढ़ाते नजर आए। जब उनसे इस बारे जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन बताने वाला मीटर खराब है और हम लोगों को बताया गया है कि ऑक्सीजन है कि नहीं इसके लिए ग्लास के पानी में डालकर चेक करने के लिए बताया गया है। उसके बाद जब आगे बढ़े तो बच्चा वार्ड में एक भी ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं दिखे। फिलहाल जब अस्पताल के दुर्व्यस्था के बारे में सीएमएस से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि 150 बेड का अस्पताल है जिसमें 26 डॉक्टर होने चाहिए लेकिन यहां पर 17 डॉक्टर ही मौजूद है 8 डॉक्टरों की कमी है। वहीं आक्सीजन के बारे में जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि हमारे पास 35 से 40 ऑक्सीजन के सिलेंडर है और आवश्यकतानुसार मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है। इस दौरान सीएमएस ने ये भी बताया कि अस्पताल के सभी वार्ड में एक एक ऑक्सीजन सिलेंडर है। 
वहीं पूरे अस्पताल में आग पर काबू करने के लिए मात्र 6 फायर सिलेंडर है। लेकिन आप को बता दे कि वो भी पता नहीं कब रिफलिंग हुई होगी। ये बता पाना मुश्किल है। वहीं पूरे अस्पला में एक ही सर्जन है जो छुट्टी के दौरान सर्जन विहिन हो जाता है और उनकी गैर मौजूदगी में मरीजों को वाराणसी रेफर करने के लिए अलावा अस्पताल प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं बचता है। फिलहाल इस जिला अस्पताल को रेफर अस्पताल के नाम से पूकारा जाता है। जब इस मामले पर जंगीपुर विधानसभा के सपा विधायक विरेन्द्र यादव ने बताया कि गोरखपुर में ऑक्सीजन की कमी से 48 बच्चों की मौत हुई है इस पर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को सरकार से आर्थिक मदद की अपील भी की है। वहीं उन्होंने 30 बच्चों की मौत के मामले में कहा कि जिस जिले के मुख्यमंत्री हो और वहां से कई बार सांसद रह चुके योगी आदित्य नाथ इससे भली भांति वाकिफ है लेकिन वो अपने जिले को सही नहीं कर सकते तो प्रदेश को क्या चलाएगें। वहीं उन्होंने गाजीपुर के जिला अस्पताल को बदहाल बताते हुए कहा कि जिला अस्पताल में आभाव के चलते अभी हाल फिलहाल में छह लोगों की मौत हो चुकी है।

ट्रेंडिंग वीडियो