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यह सपा नेता लेटते हुए पहुंची गंगा घाट, कहा- छठ मईया ने पूरी की राजनीतिक मन्नत

locationगाजीपुरPublished: Oct 27, 2017 02:14:14 pm

छठ पूजा पर 108 बार साष्टांग दंडवत करते हुए गंगा तट पहुंची यह सपा नेता…

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यह सपा नेता लेटते हुए पहुंची गंगा घाट,

ग़ाज़ीपुर. यूपी के गाजीपुर में छठ पर्व के अवसर पर उस समय चारों तरफ चर्चा शुरू हो गई, जब सपा नेता लेटते हुए गंगा घाट की तरफ रूख करने लगी। सर पर पल्लू रखे व्रती यह नेता एक-एक करके 108 बार साष्टांग दंडवत प्रणाम किया और गंगा घाट पहुंची।
देश भर में छठ पूजा को एक पर्व के रूप में मना रहे हैं। छठ पूजा अब लोगों के आस्था का केंद्र बन चुका है। इसी आस्था के कारण आज सपा नेता और ब्लॉक प्रमुख माधुरी देवी साष्टांग दंडवत करते हुए अपने आवास से गंगा के किनारे पहुंची। इस दौरान उनका मानना था कि, अभी पिछले दिनों मेरे खिलाफ विरोधियों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें कल अविष्वाश प्रस्ताव में मेरी जीत हुई है। इससे पहले जीत के लिए मन्नत मांगी थी वो मिन्नत पूर्ण हुई।
मैंने अपनी मन्नत पूरी होने के बाद 108 बार साष्टांग दंडवत करते हुए गंगा के किनारे छठ पूजा करने आई हूं। छठ पूजा आज पूरे देश में हर्सोल्लास से मनाया जा रहा है। शाम में व्रती महिलाएं व पुरुष डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। लोग अलग अलग क्षेत्रों में तालाब, नदी,पोखरे और गंगा के किनारे छठ पूजा करते हैं। छठ पूजा को लोग माह पर्व के रूप में मानते हैॆ। यह पर्व पहले बिहार से शुरू हुआ इसके बाद पूर्वांचल में आया और अब ये पर्व पूरे देश में मनाया जाने लगा।
छठ, चार दिनों की पूजा होती है। जिसमें प्रथम दिन व्रती महिलायें दिन भर व्रत के पश्चात रात में लौकी चावल खाकर रहती हैं। दूसरे दिन महिलाएं निर्जला व्रत रख कर गंगा या किसी नदी के तट पर पहुंचती हैं और गंगा जल में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देती है। इसके बाद महिलायें वापस अपने घरों को जाती है और दूसरे दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व फिर नदी तट पर पहुंचती हैं और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं।
इसप्रकार उनका निर्जला व्रत पूर्ण होता है। व्रती महिलाओं ने अस्ताचल गामी सूर्य को अर्घ्य दिया। वहीं ब्लॉक प्रमुख माधुरी देवी ने कहा कि, अभी पिछले दिनों मेरे खिलाफ विरोधियों द्वारा अविष्वास प्रस्ताव लाया गया था। जिसमें कल अविष्वाश प्रस्ताव में मेरी जीत हुई है। इससे पहले जीत के लिए मन्नत मांगी थी वो मन्नत पूर्ण हुई। आज मैंने अपनी मन्नत पूरी होने के बाद 108 बार साष्टांग दंडवत करते हुए गंगा के किनारे छठ पूजा करने आई हूं।
input- आलोक त्रिपाठी

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