विधायक विरेन्द्र यादव गोंड जाति की प्रमाण पत्र बनाने की पुरानी मांग को लेकर अपनी पार्टी के गोंड नेताओं के साथ डीएम कार्यालय पहुंचे थे। उनकी शिकायत थी कि जिले की कुछ तहसीलों में गोंड जाति को प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है जबकि कुछ तहसीलों में ऐसा नहीं किया जा रहा है। जिलाधिकारी से मुलाकात के दौरान उन्होंने डीएम पर ऐसा आदेश जारी करने का दबाव भी बनाया जिससे कि सभी तहसीलों में गोंड जाति के लोगों का प्रमाण पत्र जारी हो सके। इस बीच विधायक को यह एहसास हुआ कि उनकी बात शायद डीएम अनसुनी कर रहे हैं। डीएम बार-बार जांच करने की बात कह रहे थे। इस पर उन्होंने डीएम के सामने झल्लाहट में अपने ही लिये अमर्यादित शब्द का इस्तेमाल किया ‘हम लोग जनप्रतिनिधि हैं, क्या… हैं’ इस पर जिलाधिकारी ने उन्हें इस तरह की बात करने से रोका।
डीएम से मुलाकात कर निकले सपा विधायक वीरेन्द्र यादव ने कहा कि जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी तो गोंड जाति को अनुसूचित जाति में प्रमाण पत्र बनाने का आदेश हुआ था। इससे जाति के लोगां ने विद्यालयों में प्रवेश भी पाया था और नौकरियां भी पायी थीं। पर सपा सरकार जाते ही सब बदल गया। पिछले दिनों हमारे दबाव में तीन तहसील में जारी हुआ, लेकिन चार तहसीलों में अब भी जारी नहीं हो रहा। डीएम साहब भेद भाव कर रहे हैं। यह कैसे हो सकता है कि गाजीपुर की सदर, जखनियां और सैदपुर में गोंड जाति के प्रमाण पत्र जारी हो और डीएम का आदेश बाकी दूसरी तहसीलों में प्रभावी न हो। इससे साफ हो जाता है कि शासन के दबाव में जिलाधिकारी के स्तर से भेदभाव किया जा रहा है। हमने इसी संबंध में उनसे मिलकर शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने आश्वासन दिया है। हमने उन्हें चेतावनी दी है कि अगर सभी तहसीलों से गोंड समाज को जाति प्रमाण पत्र नहीं जारी किया जाता तो हम कुछ और ही करेंगे।
By Alok Tripathi