इसे भी पढ़ें चपरासी बोला, अधिकारी की पत्नी ने मुझे पीटा और धमकी दी, नौकरी से गाजीपुर में भारतीय जनता पार्टी ने यूपी चुनाव में पहले से अच्छा प्रदर्शन किया तो इसे बीजेपी की सधी हुई रणनीति कहा गया। इसके बाद से लगातार बीजेपी गाजीपुर में मजबूती के लिये कवायद कर रही थी। ऐसा माना जा रहा था कि बीजेपी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भी कब्जा कर लेगी। उपचुनाव की स्थिति बनने पर तो इसे तकरीबन तय ही माना जा रहा था।
इसे भी पढ़ें दबंगों ने छेड़खानी कर युवती का बनाया अश्लील वीडियो, अब दे रहे हैं धमकी पर समाजवादी पार्टी ने शायद अपनी सधी हुई रणनीति से काम किया। विपक्ष का भी उसे साथ मिला। जीत के लिये पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने भी आखिरी समय में कमान संभाल ली। बड़े नेताओं ने अपना पूरा जोर लगा दिया और आखिर में समाजवादी पार्टी उपचुनाव में बड़े अंतर से जीती।
इसे भी पढ़ें छेड़खानी से तंग आकर दलित किशोरी ने की आत्महत्या, शिकायत के बाद भी पुलिस ने नहीं की थी मदद उपचुनाव में बीजेपी केवल गाजीपुर में ही नहीं हारी, बीजेपी समर्थित उम्मीदवार को भी हार का सामना करना पड़ा। वहां मुकाबला एकतरफा हो गया। कौशाम्बी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये बीजेपी की समर्थित प्रत्याशी मधुपति मैदान में थीं तो उन्हें हराने के लिये पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और अनामिका को समर्थन कर दिया। इसके बद तो बीजेपी की सारी रणनीति धरी की धरी रह गयी।
इसे भी पढ़ें रिटायर्ड फौजी का अपहरण कर हत्या, तमसा नदी के किनारे मिला शव उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार अनामिका सिंह को 20 वोट मिले जबकि मधुपति को महज आठ वोटों से संतोष करना पड़ा। एक वोट अवैध घोषित कर दिया गया। अनामिका सिंह ने इस जीत का क्रेडिट पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार को भी दिया है। बताते चलें कि कौशाम्बी में जिला पंचायत के कुल 29 सदस्य हैं। अध्यक्ष की कुर्सी के लिये 15 वोटों की जरूरत थी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि पहले मधुपति ही समाजवादी पार्टी की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष थीं। पर विधानसभा चुनाव मे बीजेपी की बड़ी जीत के बद जब उनकी कुर्सी डगमगायी तो उनका झुकाव सपा के बदले बीजेपी की ओर हो गया।
by ALOK TRIPATHI