इस दौरान रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने केंद्र की मौजूदा सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि 2014 के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और देश के प्रधामंत्री ने हर वर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देन की बात कही थी। लोगों ने उन पर भरोसा करके वोट दिया। लेकिन जब उन्होंने चार साल की सरकार चला ली और पांच बजट पेश कर लिया तब युवाओं के रोजगार के सवाल पर पकौड़ा बेंचने की बात कही। कहा गया कि पकौड़ बेंचना भी एक रोजगार है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और बीजेपी से कहना चाहता हूं कि पकौड़ा बेंचने के लिए युवाओं को आप की सरकार की आवश्यकता नहीं है। इस दौरान उन्होंने किसान, महंगाई, नोट बंदी, जीएसटी समेत तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हर कदम पर किसान और आम लोगों को छला है। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को अबतक लागू क्यों नहीं किया गया।
वहीं मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आज अटल जी की अस्थि यात्रा को लेकर उनकी भतीजी ने ही सवाल खड़े किये है। पिछले दस सालों से जो अटल जी पोस्टर से गायब थे। भाषणों में उनकी चर्चा नहीं होती थी। आज पीएम मोदी कहते है कि पिछले सत्तर सालों में देश में कुछ नहीं हुआ। इन सत्तर सालों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के भी छह साल रहे हैं। क्या उन्होंने ने भी कुछ नहीं किया। यह उन्हें बताना चाहिए।
अमर सिंह द्वारा सपा पर सवाल खड़े करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें अमर सिंह के प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा की हमारी लड़ाई दलितों, गरीबों, पिछड़ों के लिए है। हम समाजवादी लोग आम लोगों के बीच इन तमाम सवालों को लेकर जाएंगे। गाजीपुर सीट को लेकर उन्होंने कहा की हम गाजीपुर में बहुत मजबूत है। मोदी के आंधी और तूफान में भी हार का अंतर बहुत कम था। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा मंदिर विष्णु मंदिर के सवाल पर उन्होंने कहा की हमारी घोषणाएं कम और काम ज्यादा है।
हमारे नेता जी इंजीनियर है वह पहले किसी योजना का आकलन करते है और फिर उसके पूरा होने की तारीख तय करते है। हमारी सरकार ने एक्सप्रेस-वे बनवाया वो भी तय समय से पहले। उन्होंने कहा समाजवादियों की पहचान है कि शिलान्यास के समय ही लोकार्पण की तारीख बता देते है। इस दौरान उन्होंने साइकिल यात्रा निकाल रहे युवाओं का हौसला बढ़ाया और शुभकामनाएं दी। गौरतलब है कि सोमवार को गाजीपुर से साइकिल यात्रा रवाना होते हुए विभिन्न रास्तों से होते हुए दिल्ली में एक जनसभा के साथ समाप्त होगी।
By- आलोक त्रिपाठी