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योगी जी यहां सरकारी स्कूल में बच्चों से शिक्षक भरवाते हैं पानी

locationगाजीपुरPublished: Oct 17, 2017 05:55:46 pm

गाजीपुर के सरकारी स्कूल में छात्रों को पढ़ाने के बजाय शिक्षक भरवाते हैं पानी।

Student Watering in School

बच्चों से स्कूल में भरवाया जाता है पानी

गाजीपुर. सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते ही कहा था कि यूपी में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। उनका साफ इशारा था कि स्कूलों में मनमानी नहीं चलेगी और इस पर लगाम लगाया जाएगा। पर अभी तक ऐसा होता नहीं दिख रहा। बानगी गाजीपुर के सरकारी स्कूल में ही दिख गयी जहां बच्चे आते तो पढ़ने के लिये हैं, पर उनसे वहां काम कराया जाता है। बच्चों से स्कूल में पानी भरवाया जाता है। पत्रिका के पास बच्चों से पानी भरवाने का लाइव वीडियो मौजूद है। इस वीडियो में बच्चों से माली का काम कराया जा रहा है। उनसे पौधों में डालने के लिये पानी भरवाया जा रहा है।
 

मामला गाजीपुर के रेवतीपुर ब्लॉक के डेढ़गांवा गांव का है। इस गांव में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यायल एक ही प्रांगाण में हैं। पत्रिका की टीम अचानक ही इस स्कूल में पहुंच गयी। उम्मीद थी कि यहां पठन-पाठन का काम चल रहा होगा, पर ऐसा नहीं था। स्कूल में बच्चे तो थे पर वो पढ़ नहीं रहे थे। बच्चे किसी और काम में लगाए गए थे। जो काम स्कूल के माली और चपरासी का होता है वो बच्चों से करवाया जा रहा था।

बच्चों से पानी भरवाया जा रहा था और वो भी पौधों में डालने के लिये। कोई बच्चा एक तो कोई दो बाल्टी पानी उठाए चला आ रहा था। हालांकि जो पौधे स्कूल में लगे हुए हैं उन पर वन विभाग का नाम लिखा है। पर इसकी देखभाल पढ़ने के लिये आए बच्चों से करायी जा रही थी। बच्चों से पूछने पर पता चला कि इनके गुरूजी ने ही इन्हें यह काम सौंपा था। इस बाबत जब स्कूल के प्रधानाध्यापक से बात की गयी तो उन्होंने यह तो स्वीकार किया कि पढ़ने आए बच्चों से पानी भरवाना गलत है पर इस बात से इनकार किया कि उन्होंने ऐसा करने को कहा।

स्कूल में टीम ने जो देखा जब उसके बारे में बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रवण कुमार गुप्ता को बताया गया तो उन्होंने भी रटा-रटाया जवाब दिया हम इसकी जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। सवाल है कि जब सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार नौनिहालों को सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाने की बात कर रहे हैं तो ऐसे समय में सरकारी स्कूलों में बच्चों से पानी भरवाना उनकी मंशा की सफलता पर प्रश्नचिन्ह नहीं उठाता। सच बात ये है कि जब तक व्यवस्थाएं नहीं सुधरेंगी और सरकारी कर्मचारी व महकमा अपने रवैये में बदलाव नहीं लाएगा तब तक न तो सरकार के सपने साकार होंगे और न ही नीतियों और योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा सकेगा।
by ALOK TRIPATHI

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