गाजीपुर

जब मुन्ना बजरंगी का नाम सुनते ही यूपी के नये बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की बोलती हो गई थी बंद

ये हैं भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष, सीएम बनने का सपना रह गया था अधूरा

गाजीपुरJul 16, 2019 / 04:47 pm

Ashish Shukla

जब मुन्ना बजरंगी का नाम सुनते ही यूपी के नये बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की बोलती हो गई थी बंद

गाजीपुर. भारतीय जनता पार्टी ने कद्दावर नेता व योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। स्वतंत्र के नाम की घोषणा अमित शाह ने किया। 2017 में यूपी में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद भी सीएम की रेस में स्वतंत्र देव सिंह का नाम आगे चल रहा था लेकिन अचानक से योगी आदित्यनाथ के नाम के एलान के बाद हर किसी को संतोष करना पड़ा। बतादें कि अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय के केन्द्र में मंत्री बनने के बाद से ही पार्टी नये अध्यक्ष की तलाश कर रही थी। जो मंगलवार को स्वतंत्र देव के रूप में पूरा हो गया।
इसके पहले 2018 में भी स्वतंत्र देव का नाम यूपी की मीडिया में चर्चा में आया था। वजह ये थी कि एक जांच के दौरान दुर्दांत अपराधी रहे मुन्ना बजरंगी का नाम सुनते ही इनकी सिट्टी पिट्टी गुल हो गई थी। ये सब तब हुथा जब वो गाजीपुर रोडवेज परिसर में जांच करने के लिए पहुंचे थे।
हुआ कुछ यूं था कि योगी सरकार के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह गाजीपुर के दौरे पर थे। इस दौरे में वे अचानक वहां के रोडवेज परिसर में चल रहे निर्माण का जायजा लेने पहुंच गए। उन्होंने वहां तैनात एक इंजीनियर से पूछा कि आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है। इस पर इंजीनियर ने बताया कि ठेकेदार के लोगों का बहुत दबाव रहता है, इस वजह से काम नहीं हो पा रहा।
यह सुनकर मंत्री जी और भड़क गए और पूछा कि आखिर कौन है ठेकेदार, बुलाओ उसे यहां। इस पर इंजीनियर ने जवाब दिया कि ठेकेदार मुन्ना बजरंगी का आदमी है। जैसे ही इंजीनियर ने मुन्ना बजरंगी का नाम लिया, मंत्री जी की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई। घबराए हुए मंत्री जी ने कहा कि शांत रहो, पब्लिक प्लेस पर ऐसे किसी का नाम नहीं लिया जाता। मंत्री जी ने कहा था कि यहां बड़े बड़े माफिया हैं। मुन्ना बजरंगी के आदमी वाले इस ठेके से उन्होने तुरंत अपना नाम अलग करते हुए कहा था कि अब यहां आप सब वही कहेंगे जो जिला के भाजपा अध्यक्ष कहेंगे। उस समय परिवहन मंत्री के इस वीडियो के सामने आने के बाद ये चर्चा प्रदेश में खूब तेजी से चली थी कि जो सरका न गुंडाराज न भ्रष्टाचार का नारा देती है उसके ही मंत्री एक बड़े अपराधी का नाम सुनते ही आखिर इतना क्यूं घबरा गये। जब ये सब हुआ तब मुन्ना बजरंगी जीवित था।
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