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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ताड़ीघाट-मऊ ब्रिज का कार्य ठप, वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारी धरने पर

locationगाजीपुरPublished: Dec 19, 2018 06:20:34 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

आक्रोशित कर्मचारियों ने प्रताडना का आरोप लगाते हुए मागों के समर्थन में निर्माण कार्य ठप्प करने के साथ ही तालाबंदी कर अनिश्चिकालिन धरनाप्रदर्शन शुरू कर दिया है

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पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ताड़ीघाट-मऊ ब्रिज का कार्य ठप, वेतन न मिलने से नाराज कर्मचारी धरने पर

गाजीपुर. गंगा नदी पर तकरीबन 18 सौ करोडों की लागत से बन रहा रेल कम रोड ब्रिज का निर्माण कार्य तीन दिनों से बंद पड़ा है। कर्मचारियों का आरोप है कि काम लगातार काम करने के बावजूद भी कई महीनों से उन्हे वेतन नहीं दिया गया है जिसके कारण उनका परिवार भुखमरी के कगार पर है। बतादें कि गाजीपुर से ताड़ीघाट को जोड़ने वाली इस ब्रिज का शिलान्यास 14 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने किया था। इसके निर्माण का जिम्मा सरकार ने एस.पी. सिंग्ला कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा। कुछ समय तक तो काम तेज गति से चला लेकिन अब कंपनी के कर्मचारी के कंपनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए काम रोक दिया है। जिससे प्रोजेक्ट की रफ्तार पर ग्रहण लग गया है। आक्रोशित कर्मचारियों ने प्रताडना का आरोप लगाते हुए मागों के समर्थन में निर्माण कार्य ठप्प करने के साथ ही तालाबंदी कर अनिश्चिकालिन धरनाप्रदर्शन शुरू कर दिया है।
प्रदर्शनरत कर्मचारियों ने बताया कि कंम्पनी के आलाकमान द्वारा जब से निर्माण कार्य शुरू हुआ है आज तक न तो उनका इंक्रिमेंट लगा है ना ही एरियर मिला है इसी के साथ ही बताया कि कर्मचारियों का कई महीनें का वेतन भी कंम्पनी प्रबंधन तंत्र ने रोक रखा है। उनका कहना था कि जब तक उनका हक नहीं मिलेगा वह काम पर वापस नहीं आयेगेंए दिया है। उनका आरोप है कंपनी प्रबंधन के लोग आश्वासन के बावजूद महीनों से उनका बकाया वेतनए एरियरए एवं इंक्रिमेंट देने से मुकर गए हैं। इससे आक्रोशित कर्मचारियों ने पिछले तीन दिनों से काम पूरी तरह से ठप्प कर हडताल कर दिया है। जिससे चल रहा निर्माण कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गया ।वहीं कर्मचारियों ने कंम्पनी के इस उपेक्षानात्मक रवैये को लेकर आज मेदनीपुर स्थित प्लांट में पूरी तरह से तालाबंदी कर धरनाप्रदर्शन शुरू कर दिया जिससे की अफरातफरी मच गई ।
पीएमओ को हर महीने भेजी जाती है प्रगति रिपोर्ट

बतादें कि इस प्रोजेक्ट को एक जून 2016 को स्वीकृति दी गई थी। इसकी लागत 1765.92 करोड़ रुपये है। 2016 में गाजीपुर दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया और और लगातार गंगा नदी पर रेल पुल के साथ सड़क पुल भी स्वीकृत होने के बाद कार्य की प्रगति रिपोर्ट हर महीने पीएमओ को भेजी जाती रही है। हैरानी की बात है कि इसके बाद भी कई महीनों से कर्मचारियों का वेतने कैसे रोका गया ये बड़ा सवाल है।
2019 तक जनता को समर्पित करने का था लक्ष्य

बतादें कि पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को 31 दिसंबर 2019 तक पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने तय किया था। रेल राज्य मंत्री ने भी कई बार अपने बयानों में कहा था कि ताड़ीघाट लाइन को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला यह पुल देश में सबसे कम समय में बनने वाला पुल होगा।
ये है मौजूदा स्थिति

बतादें की गंगा नदी पर इस ब्रिज का निर्माण कुल 13 पाए पर किया जाना है। बनने को सभी पाए अब तक बनाये जा चुके हैं। लेकिन उपरी हिस्से का काम अभी शेष रह गया है। जिससे सभी पाए को एक-दूसरे से जोड़ा जाना है। कंपनी से जुड़े एक कर्मचारी की मानें तो 85 फीसदी का काम पूरा किया जा चुका है। वहीं इस संम्बन्ध में परियोजना प्रबंधक विजय विनोद सैनी ने कहा कि इसको लेकर कर्मचारियों से बात-चीत चल रही है उन्हें पूरी उम्मीद है कि जल्द कर्मचारी काम पर लौट आयेगें । वहीं एस पी सिंग्ला के प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर अमृत गोयल ने कहा कि कर्मचारियों की जो भी मागें है वह प्रबन्ध तंत्र तक पहुंचा दी गई हैं। जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान हो जायेगा हमें पूरी उम्मीद है कि कर्मचारी जल्द ही काम पर लौट आयेगें।

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