हेतिमपुर गांव के रहने वाले कन्हैया बिन्द की बहन जानकी गर्मी में अपने मायके आई थी। एक महीने से वो यहां रहकर काम काज मे परिवार वालों की मदद करती थी। जानकी के साथ उसके दो बच्चे निशा उम्र चार साल और सुजित कुमार उम्र एक साल भी आये हुए थे। रविवार की शाम को मौसम ठंडा हो जाने के बाद जानकी अपने बेटे को मालिश करने के लिए ले आई। दरवाजे के पास ही वो उसे मालिश करने लगी। मां और भाई को देख चार साल की निशा में उसके पास आई और वहीं खेलने लगी।
कन्हैया बिन्द ने अपने दरवाजे पर बना बारजा बनवाया था। उसी के उपर वो घरेलू सामान भी रखता था। जानकी ने अपनी बेटी कुटिया से कहा कि बारजे के ऊपर चढ़कत तुम उसपर रखी कुछ लकड़ियां उतार दो ताकि रात का खाना बनाया जा सके। उसे अंदेशा नहीं था कि जिस बारजे पर वो बिटिया को चढ़ा रही है वो गिर सकता है और उससे उसका नुकसान हो सकता है। बेटी जैसे ही चढ़ी बारजा अचानक भरभरा दोनों बच्चों के ऊपर आ गिरा। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गये। शोर सुनकर आस-पास के लोग भी वहां जमा हुए देखा तो दोनों बच्चे मलबे के नीचे दबेल हैं। दोनों मलबे से बाहर निकाला गया।
डाक्टर के पास ले गये तो दोनों मासूमों को मृत घोषित कर दिया गया। घटना की सूचना कोतवाली एवं तहसील में दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा कर परिजनों को सौंप दिया। वही तहसील से पहुंचे हल्का लेखपाल दयाशंकर ने मौका मुआयना कर रिर्पोट तहसील में सौंपी।