पूरा वीडियो 12 मिनट का है। इसमें साफ दिख रहा है कि सील होने के पहले कॉपी का कवर पेज बदला जा रहा है। रूम में बैठा हआ एक आदमी यह बता रहा है कि उसे सेंटर लेने के लिये दो लाख रुपये विभाग को देने पड़े। इसके बाद ही जाकर सेंटर मिला था। इतना ही नहीं वह वीडियो में यह बताता हुआ भी दिख रहा है कि उसके विद्यालय में जितनी भी चेकिंग की गाड़ियां आती हैं उन्हें भी पैसा देनापउ़ता है। इसके अलावा परीक्षा के दौरान परीक्षा ड्यूटी करने वाले शिक्षकों को विभाग को परिश्रमित नहीं देता। इसी के चलते उन्हें इस तरह का काम करना पड़ता है।
वीडियो में कॉपी बदलने वालों और एक महिला के बीच (जो शायद परीक्षा ड्यूटी पर हो) से विवाद की आवाजें भी आ रही हैं। वीडियो के अंत में महिला कहती है कि ये ज्ञानदा पब्लिक स्कूल मिर्जा मनिया का स्कूल है। वह वीडियो को इतना शेयर करने को कह रही है कि यह शिक्षा मंत्री तक ओर अधिकारियों तक पहुंचे। दावा किया है कि जिन बच्चों ने पैसे नहीं दिये हैं उनकी लिखी हुई कॉपियां उनसे बदल दी जा रही हैं जिन्होंने पैसा दिया है।
इसमें प्रबंधक और उसके बेटे की मिली भगत का आरोप लगा रही है। इस मामले पर जब जिला अधिकारी के बालाजी से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वीडियो की सत्यता की जांच के लिये जिला विद्वालय उन्होंने बताया कि वीडियो की जांच के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया गया है। उन्होंने यह भी जोड़ा है कि यदि जरूरत पड़ी तो बाहर की एजेंसियों से भी जांच कराने में जरा सी भी देरी नहीं की जाएगी।
by Alok Tripathi
by Alok Tripathi