अस्पताल में नहीं मिले चिकित्सक
सूरत में काम करनेवाले बेंगाबाद के दो गांवों के छह युवक जांच को अस्पताल पहुंचते हैं। वे दवाखाना के बाहर हॉल में बैठे रहे। युवक वहां घूम रहे चिकित्साकर्मी से जांच कराने के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन काफी देर तक चिकित्सक के नहीं आने पर युवक व्यवस्था से आजिज होने लगे। किसी प्रकार एक स्वास्थ्यकर्मी उन सब को एक जगह बैठाकर एक युवक को पर्ची बनाने के लिए पंजीयन काउंटर के पास ले गया। दो पर्ची बनी ही थी कि युवक ने अस्पताल में चिकित्सक के नहीं रहने का हवाला देकर पर्ची बनाने से इंकार कर दिया। सूरत से आए युवक बगैर पर्ची कटवाए व जांच कराए ही अस्पताल से वापस निकलने लगे। उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि जब यहां कोई चिकित्सक ही नहीं है तो रूकने से क्या फायदा। यह कहते हुए वापस चले गए।
आइसोलेशन में ताला देख लौटे
इसी तरह देवघर जिले के मधुपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के दो युवक जयपुर से पारसनाथ स्टेशन के रास्ते ऑटो से अपनी जांच कराने सदर अस्पताल पहुंचे। इन दोनों का चिकित्सक ने जांच करते हुए सतत निगरानी में रखने को आइसोलेशन वार्ड भेज दिया। लेकिन आइसोलेशन वार्ड में ताला लटका देखकर दोनों युवक अस्पताल से निकलकर सीधे अपने गांव के लिए चले गए।
मुंबई से आया युवक जांच में स्वस्थ
मुंबई से सदर प्रखंड के एक गांव के युवक के गांव लौटने की सूचना मिलने पर चिकित्सीय टीम ने उसकी जांच की। चिकित्सक ने बताया कि युवक 15 मार्च को काम की तलाश में मुंबई गया था। लेकिन कोरोना का भय व जलवायु शरीर के अनुकूल नहीं रहने के कारण वह 21 मार्च को मुंबई से वापस गांव लौट गया था। इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को मिलने के बाद एक टीम उसकी स्वास्थ्य जांच को लेकर घर भेजी गई थी। जांच के बाद युवक में कोरोना संदिग्ध होने का किसी प्रकार का कोई लक्षण नहीं पाया गया।