सीआरपीएफ के आईजी संजय आनंद लाठकर ने बताया कि झारखंड-बिहार की सीमा पर भेलवाघाटी थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह पुलिस और सीआरपीएफ के जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे थे। इसी दौरान नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को देखकर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस और सीआरपीएफ जवानों की ओर से जवाबी फायरिंग की गई, जिसमें तीन नक्सलियों को मार गिराया गया। करीब एक घंटे तक दोनों ओर से हुई गोलीबारी में सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हो गया।
इस भीषण मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घटनास्थल से एक ए.के.47 रायफल , तीन मैंगजीन, चार पाइप बम और दो मोटरसाईकिलों को भी बरामद किया है। मारे गए तीनों नक्सलियों के शव भी बरामद कर लिए गए है। पुलिस और सीआरपीएफ के जवान पूरे इलाके की घेराबंदी कर नक्सलियों के धरपकड़ के लिए सघन छापामारी अभियान चला रहे है। शहीद जवान विश्वजीत चौहान असम के रहने वाले थे। उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव भेजने की तैयारी की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के गुनिया नामक जगह पर जहां मुठभेड़ हुई, यह स्थान बिहार के जमुई जिला के चकाई थाना क्षेत्र से सटा हुआ है। यह इलाका 20 सालों से अधिक समय से नक्सल प्रभावित इलाका रहा है। 11 सितंबर 2005 को इसी थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने भेलवाघाटी ग्राम रक्षा दल के 17 सदस्यों की हत्या कर दी थी। भेलवाघाटी ग्राम रक्षा दल का गठन नक्सलियों से मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया था। फरवरी 2017 में भी इसी इलाके में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या कर दी थी।