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सांसद-विधायक के खिलाफ यौन शोषण मामले में जल्द पूरी होगी जांच-गिलुवा

locationगिरिडीहPublished: Nov 27, 2018 03:31:49 pm

Submitted by:

Prateek

पार्टी विधायक ढुल्लू महतो द्वारा शक्ति प्रदर्शन किए जाने के संबंध में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी सभी बातों पर नजर बनाए हुए है और रिपोर्ट के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा…

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(रांची,गिरिडीह): भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि गिरिडीह के सांसद रवींद्र कुमार पांडेय और बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ लगे यौन शोषण मामले की जांच जल्द पूरी हो जाएगी।


लक्ष्मण गिलुवा ने मंगलवार को रांची मेंपत्रकारों से बातचीत में कहा कि महिलाओं के साथ छेड़खानी का मामला सामने आने पर सोमवार को ही दोनों नेताओं से कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में दो या तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया जा रहा है, एक दो दिनों के अंदर कमेटी संबंधित लोगों से बातचीत कर जांच पूरी कर लेगी और रिपोर्ट सौंप देगी।


पार्टी विधायक ढुल्लू महतो द्वारा शक्ति प्रदर्शन किए जाने के संबंध में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी सभी बातों पर नजर बनाए हुए है और रिपोर्ट के आधार पर आगे का निर्णय लिया जाएगा।


गौरतलब है कि पहले बाघमारा विधायक पर भाजपा की एक नेत्री ने छेड़खानी का आरोप लगाया।इस पर ढुल्लू महतो ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे सांसद रवींद्र कुमार पांडेय की साजिश करार दिया। एक दिन बाद ही एक अन्य भाजपा महिला ने सांसद रवींद्र पांडेय पर अश्लील हरकत करने का आरोप लगाया। इस मामले में धनबाद के वरीय पुलिस अधीक्षक ने मामले की छानबीन की जिम्मेवारी पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी को सौंपा है।


लक्ष्मण गिलुवा ने कहा है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल पर काम पर गए पारा शिक्षक काम पर लौट आए, बातचीत से ही समाधान निकलेगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री से उनकी बात हुई है, सरकार पारा शिक्षकों की अधिकांश मांगों को मान चुकी है, जिसके तहत बीएड प्राप्त पारा शिक्षकों के मानदेय में 20 प्रतिशत और अन्य पारा शिक्षकों के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। इसके अलावा उनके कल्याण कोष को पांच करोड़ रुपए से बढ़ाकर दस करोड़ रुपए किया, जबकि मातृत्व अवकाश और आकस्मिक अवकाश के बारे में भी निर्णय लिया जा चुका है। साथ ही उनकी सेवा की अधिकतम उम्रसीमा को बढ़ाकर 60 वर्ष भी की जा चुकी है। इसलिए अब पारा शिक्षकों को काम पर तत्काल वापस लौट आना चाहिए।

 

लक्ष्मण गिलुवा ने कहा कि देश के किसी भी अन्य राज्यों की अपेक्षा झारखंड ने पारा शिक्षकों को अधिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है, स्थायी नियुक्ति में भी उन्हें 50 प्रतिशत का आरक्षण देने का प्रावधान है। लेकिन ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया जा सकता है, जिसे बाद में अदालत खारिज कर दें। उन्होंने कहा कि अच्छा वातावरण बनने से ही बातचीत संभव है, इसलिए तत्काल पारा शिक्षकों को काम पर लौट आना चाहिए।


एक प्रश्न के उत्तर में प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी सरकार की ओर से नई नियुक्तियों के लिए विज्ञापन निकाला गया है,क्योंकि बच्चों की पढ़ाई को बाधित नहीं किया जा सकता है, लेकिन बातचीत होने पर नई नियुक्तियां स्थगित भी हो सकती है और जेल गये तथा सेवा से हटाए गए पारा शिक्षकों के काम में वापस लौटने के मुद्दे पर भी विचार संभव है।

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