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मिली जानकारी के अनुसार जिले के मुड़िया पारा गांव निवासी हेमंत कुमार मोदक को यह समस्या हुई है। हेमंत की एक छोटी सी इलेक्ट्रानिक्स की दुकान थी। सामान बेचने के साथ वह रिपेयरिंग का भी काम करता था। कोरोना वायरस के दस्तक देने के बाद लॉकडाउन लगा तो काम धंधा बंद हो गया। हेमंत बूढे मां—बाप का इकलौता बेटा था। काम ठप होने से आर्थिक हालत बिगड़ गई। इसने हेमंत के दिमाग पर इतना बुरा असर डाला की उसने मानसिक संतुलन ही खो दिया।
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मानसिक स्थिति बिगड़ने के बाद हेमंत घंटो तक एक ही जगह पर खड़ा रहने लगा। उसने खाना पीना भी लेना कम कर दिया है। लगातार खड़े रहने से पांवों में सूजन आ गई है। वृद्ध माता पिता के पास बेटे का इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं है। पड़ोसियों ने कुछ मदद की लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा।
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हेमंत के माता पिता बेटे के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं। जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने हेमंत के मामले का संज्ञान लिया है और उसका इलाज करवाने का आश्वासन भी दिया है। डॉक्टरों का कहना है कि वह सिजियोफ्रेमिक मेंटल डिसआर्डर से ग्रस्त है। आगामी दिनों में कोरोना का टेस्ट कराने के बाद उसे इलाज के लिए रांची के अस्पताल में भेजा जाएगा।