सरकार से मिलने वाले राशन की व्यवस्था को और अधिक सुगम बनाने के लिए पहले ग्राम स्तर पर, बाद में जिला स्तर व हाल ही में प्रदेश स्तर पर हुई समीक्षा के बाद जनपद के 50000 से ज्यादा कार्ड धारक ऐसे पाए गए हैं, जो गोंडा के साथ ही अन्य जिलों से भी राशन ले रहे थे। इसके लिए इन लोगों ने अलग-अलग राज्यों में राशन कार्ड भी बनवा रखे थे। जनपद के ऐसे 50186 राशन कार्ड धारकों की डुप्लीकेसी अन्य राज्यों से मैच होने के बाद, इनके राशन कार्ड शासन स्तर पर निरस्त कर दिए गए हैं। ऐसी स्थिति में यह कार्ड धारक अब कहीं से भी अनाज नहीं उठा पाएंगे। इसके अतिरिक्त भी जिले में करीब एक हजार से ऊपर कार्ड धारक और हैं, जिनका निरस्त होना अभी बाकी है।
जिला पूर्ति अधिकारी विरेंद्र कुमार महान का कहना है कि यह कार्रवाई राज्य स्तर पर हुई समीक्षा के बाद की गई है। वहीं उन्होंने सरकारी नौकरी कर रहे उन लोगों से अपील की है कि वो अपना-अपना राशन कार्ड जितनी जल्दी हो सके जिला पूर्ति विभाग में सरेंडर कर दें, अन्यथा जांच होने पर उनसे शासन स्तर पर खाद्यान्न के तय रेट से सवा गुना वसूली उनकी तनख्वाह से की जाएगी।