परिषदीय विद्यालयों का कमाल खेल- खेल में शिक्षा, निपुण भारत से मिल रही दीक्षा
गोंडा परिषदीय विद्यालयों में NIPUN Bharat योजना के तहत अब 3 वर्ष से लेकर 9 वर्ष तक के बच्चों को खेल के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है। जिसमें बच्चे बहुत ही रुचि के साथ पढ़ते हैं।
गोंडा
Published: August 03, 2022 11:49:48 am
जिले के परिषदीय विद्यालयों में कक्षा तीन तक बच्चों को मूलभूत साक्षरता पढ़ने लिखने के ज्ञान के साथ-साथ संख्यात्मक जानकारी इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। ऐसे में बच्चों को खेल खिलौनों के माध्यम से ऐसी शिक्षा दी जा रही है। इसमें बच्चे बड़े ही रुचि के साथ पढ़ते हैं। निपुण भारत योजना का मतलब National Initiative For Proficiency in Reading with Understanding & Numeracy अर्थात बच्चों में संख्यात्मक ज्ञान के साथ-साथ पठन-पाठन में पूरी तरह से निपुण करना। नई शिक्षा नीति के तहत चलाई गई योजना नौनिहालों के लिए वरदान साबित हो रही है। बच्चों में भाषा व गणित का कौशल विकास करने के लिए परिषदीय विद्यालयों के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। इस कार्यक्रम में ऐसे शिक्षकों को चयनित किया गया है जिन्होंने अपने विद्यालयों में पुस्तकालय की स्थापना सहित कोई अन्य नवाचार उनके द्वारा किया गया है। जिले के करनैलगंज क्षेत्र की गौरा सिहनापुर के प्राथमिक विद्यालय में अध्यापकों द्वारा स्कूली बच्चों को खेल खेल के माध्यम पढ़ाया जा रहा है। शिक्षकों की पढ़ाने की शैली बच्चों को काफी पसंद आ रही है। जिसकी अभिभावकों द्वारा काफी सराहना की जा रही है। प्राथमिक विद्यालय गौरा सिंघनापुर के सरकारी स्कूल में ऐसे अध्यापक जो बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा देते हैं। बच्चों को इस तरीके की पढ़ाई में इतना मजा आता है। कि बच्चे बिना किसी नागा के प्रतिदिन विद्यालय आते हैं और परिजनों से कभी छुट्टी की जिद नहीं करते हैं। शिक्षक द्वारा अनोखे तरीके से पढ़ाई कराने की शैली बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को काफी पसंद आ रही है। नवाचार के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा बच्चों में पठन-पाठन के प्रति रुचि विकसित कर रही है। इसके साथ ही साथ सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता के सुधार होने से छात्रों की संख्या में भी दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है।

पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
