गोंडा

फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के बाद भी, नहीं बदल रही स्कूलों की दशा-दिशा

फर्जीवाड़े पर लगाम कसने के बाद भी, नहीं बदल रही स्कूलों की दशा-दिशा

गोंडाOct 01, 2017 / 12:31 pm

Ruchi Sharma

school

गोण्डा. जिले में मदरसा और संस्कृत विद्यालयों की हालत बद से बदतर बनी हुई है। सैकड़ों की संख्या में मान्यता प्राप्त मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के अध्यापकों को मोटी रकम वेतन के नाम पर मिलता है। उनके हर माह के संचालित होने व अध्यापकों के उपस्थित के रिपोर्ट शासन को भेजे जाते है।
इधर योगी सरकार के आने पर संस्कृत और मदरसों के फर्जीवाड़े पर लगाम कसना शुरू हुआ तो पूरे जिले में भूचाल आ गया है। अधिकांश फर्जीवाड़े के मदरसों के कमरों में रंग रोगन कर बोर्ड लगा दिए गए, कुछ तो केवल एक कमरे में चलने के लिए साबित किये जा रहे है।
आपने अब तक खाद्यान्न, वन, माफिया का नाम सुना होगा लेकिन मदरसा माफिया नहीं सुना होगा। जी हां गोण्डा में मदरसा माफिया है। एक- एक व्यक्ति के पास आधे दर्जन से लेकर तीन तीन दर्जन मदरसे है जिनमें 90 प्रतिशत कागजों में है । एक ही मदरसों के बच्चे कई कई मदरसों में शिक्षा ग्रहण कर रहे है , लेकिन योगी सरकार के फरमान पर सभी मान्यता प्राप्त मदरसों को यू डायस कोड लेने के लिये पूरा डिटेल अॉनलाइन करने को लेकर हड़कंप मच गया है ।
इसी तरह संस्कृत विद्यालय भी है नाम है इंटर कॉलेज, महाविद्यालय लेकिन विद्यालयों की रियल्टी देख ले तो स्वयं को शर्म आएगी ।

परीक्षा भी होती है परीक्षार्थी भेड़ों की झुंड की तरह बैठ कर किताब कॉपी साथ रखकर परीक्षा देते है ।
हम बात करते है गोण्डा मुख्यालय के राम जानकी उ0मा0 विद्यालय रानी बाजार गोण्डा की जिसकी स्थापना महाराज दिग्विजय सिंह बलरामपुर द्वारा 1879 में करना बोर्ड पर लिखित रूप से दर्शाया गया है । विद्यालय की दशा देख सहजता अंदाजा लगाया जा सकता है। कुर्सी मेज बिखरा सभी कमरो लगा ताला, टूटा नल इस बात का गवाह है पढ़ाई कैसी होती होगी ।
स्थानीय एक व्यक्ति से पूछा गया तो बताया कि 11 बजे है एक भी छात्र व अध्यापक नहीं आये है । यह वाकिया बीते 27 सितम्बर का है ।

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