परिवार में मचा कोहराम वहीं विधायक के चचेरे भाई बृजेश द्विवेदी ठेकेदारी करते थे। वह गोमतीनगर के अलकनंदा अपार्टमेंट के पी-ब्लॉक के फ्लैट नंबर 303 में पत्नी सोनालिका उर्फ रिंकी, बेटी दिया और लड्डू के साथ रहते थे। सोनालिका ने बताया कि रविवार की शाम दिल्ली से निकलते वक्त बृजेश ने उन्हें फोन करके कहा था कि देर रात वह लोग लखनऊ पहुंच जाएंगे और वहीं रुकेंगे, फिर सुबह गोंडा के लिये निकलेंगे। रात करीब पौने दो बजे पुलिस का फोन आया और हादसे की सूचना मिली। वह लोग ट्रामा सेंटर पहुंचे तो बृजेश, सुनीता, आकृति और अंशिका की मौत हो चुकी थी। पति, ननद और भांजियों के शव देख सोनालिका बेहोश हो गईं। किसी तरह रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला। सोमवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद रिश्तेदार शव लेकर गोंडा चले गए।
चालक की लापरवाही से हादसा वहीं पुलिस का कहना है कि पूरी घटना कंटेनर चालक की लापरवाही से हुई। माना जा रहा है कि कंटेनर के चालक को झपकी आ गई थी जिससे कंटेनर डिवाइडर पर चढ़कर फंस गया। चालक और परिचालक ने कंटेनर के आसपास कोई रिफ्लेक्टर बोर्ड नहीं लगाया और मौके से फरार हो गए। पीछे से सफारी गाड़ी में आ रहे परिवार को रात के अंधेरे में कंटेनर नहीं दिखा और हादसा हो गया। अगर चालक ने रेडियम साइन बोर्ड लगा दिये होते तो हादसा टल सकता था।
ट्रेन का टिकट कैंसिल करा आई थी अंशिका हादसे का शिकार हुई अंशिका दिल्ली के एक कॉलेज में बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा थी। उसके पिता अधिवक्ता सर्वेश ने बताया कि अंशिका को दशहरे की छुट्टी में घर आना था। उसने ट्रेन में रिजर्वेशन भी कराया था। इस दौरान आकृति की शादी की खरीददारी के लिये परिवारीजन दिल्ली पहुंचे। उन लोगों ने अंशिका को अपने साथ कार से चलने को कहा। इसपर उसने ट्रेन का टिकट कैंसिल करा दिया और रविवार शाम करीब पांच बजे दिल्ली के बाराखंभा इलाके से उनकी गाड़ी में बैठी थी।
पैतृक आवास पर लगा नेताओं का तांता हादसे में मारे गए विधायक के चचेरे भाई बृजेश द्विवेदी के सिविल लाइंस आवास पर सुबह से ही लोगों का तांता लगा रहा। समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री, गौरा विधायक प्रभात वर्मा, सदर विधायक प्रतीक भूषण सिंह, तरबगंज विधायक प्रेम नारायन पाण्डेय, भाजपा जिलाध्यक्ष पीयूष मिश्रा, बसपा नेता मसूद आलम खां, बलरामपुर सदर विधायक पल्टू राम और पूर्व विधायक बैजनाथ दुबे समेत कई नेता और पार्टी पदाधिकारी परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। दोपहर में रानीपुरवा स्थित राजेश पाण्डेय के घर से एक साथ तीन अर्थियां उठीं, जबकि सिविल लाइंस से बृजेश की अंतिम यात्रा निकली।