नवाबों के शहर से आया था दूल्हा
बारात लखनऊ के चिनहट से गोंडा आई थी। गोण्डा के आवास विकास कॉलोनी निवासी धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव की बेटी शेफाली उर्फ गजल की मंगलवार को शादी थी। शादी गोल्डेन फेयरी मैरिज हॉल में आयोजित की गई थी। इस वैवाहिक समारोह में कायस्थ समाज की रीति-रिवाज से रस्में निभाई जानी थी। इसके लिए तैयारी भी हो चुकी थी। दुल्हन बनी शेफाली ने जब पालकी में बैठकर विवाह के मंडप में प्रवेश किया तो उसने अपने होने वाले दूल्हे असीम आनंद के सामने शर्त रखी कि वह जब धनुष को तोड़ेगा तभी वह उसे वरमाला पहनाएगी। शेफाली की इस शर्त से समारोह में शामिल उसके परिवारीजन आश्चर्यचकित रह गए। आनन-फानन में शेफाली के कहे मुताबिक स्टेज पर धनुष रखा गया। फिर दूल्हा बने असीम आनंद ने धनुष तोड़ा। इसके बाद दुल्हन शेफाली ने असीम के गले मे वरमाला डाली।
अगर दूल्हा नही तोड़ पाता धनुष तो दुल्हन नहीं पहनाती वरमाला
लाल रंग के जोड़े में सजी दुल्हन शेफाली से जब पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो दुल्हन ने बताया कि उन्हें अपने देश की संस्कृति से बेहद लगाव है। रामायण में उन्होंने माता सीता और भगवान श्रीराम के स्वयंवर के विषय में पढ़ रखा था। यदि असीम धनुष नहीं तोड़ पाते तो वह उन्हें वरमाला नहीं पहनातीं। असीम आनंद ने बताया कि पहले तो उन्हें ये शर्त अटपटी लगी लेकिन फिर उन्होंने अपनी होने वाली जीवनसंगिनी के फैसले का सम्मान करने का फैसला किया और धनुष को तोड़कर शेफाली का वरण किया। असीम ने पुलवामा में हमले में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए सैनिकों की शहादत का बदला लेने की मांग की और कहा कि सरकार अगर पाकिस्तान पर दूसरी बार सर्जिकल स्ट्राइक करती है तो उन्हें अपनी शादी से ज्यादा खुशी होगी।