गोंडा

ड्रेस वितरण में करोड़ो का घोटाला, फिर भी योगी सरकार है मौन

बेसिक शिक्षा विभाग ने मैराथन धाविका छात्रा को जूते उपलब्ध न करा कर नंगे पैर दौड़ने को मजबूर कर दिया।

गोंडाNov 17, 2018 / 02:39 pm

Neeraj Patel

ड्रेस वितरण में करोड़ो का घोटाला, फिर भी योगी सरकार है चुप

गोण्डा. बेसिक शिक्षा विभाग ने मैराथन धाविका छात्रा को जूते उपलब्ध न करा कर नंगे पैर दौड़ने को मजबूर कर दिया। वहीं स्कूलों में बंटने वाले ड्रेस में भी बड़ा घोटाला कर दिया है। बताते चलें की परिषदीय स्कूलों में लगातार घोटालों की परतें परत दर परत खुलती जा रही हैं वही अब जिले में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को बांटी गई यूनिफार्म में भारी गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है फर्जी कम्प्यूटर से रसीद फर्जी फर्म से खरीद कर बच्चों को ड्रेस तो बंटना दिखा दिया गया। इस बारे में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिये समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी करके विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है ।

फर्मे फर्जी की जीएसटी की चोरी

बेसिक शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं को बांटने वाले निशुल्क यूनिफॉर्म जिन फर्मो से खरीदी गई थी उनका वाणिज्य कर विभाग में पंजीकरण ही नहीं है बताया जाता है कि ऑडिट में जिले के कई स्कूलों की पोल खुल गई है । वहीं कई शिकायतों में इस बात का खुलासा भी किया गया है। प्रथम दृष्टया जांच पड़ताल में गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है । ऐसे में जिले भर भर में 328000 छात्रों को बांटे गए अभी यूनिफार्म में भारी अनियमितता बरते जाने का अंदेशा है। ऐसी फर्जी फर्मों को चिन्हित कर को चिन्हित कर कार्रवाई किया जाना आवश्यक है। जिले में शासन की ओर से सर्व शिक्षा अभियान के तहत छात्रों को निशुल्क यूनिफार्म वितरण के लिए 12 करोड़ की धनराशि करोड़ की धनराशि का आवंटन किया गया था । विद्यालय प्रबंध समितियों के माध्यम से ड्रेस की खरीदारी कर बच्चों में वितरित कराया गया था। सभी स्कूलों ने उपभोग प्रमाण पत्र भी सर्व शिक्षा कार्यालय में जमा करा दिए थे ।बताया जा रहा है कि कई फर्मे का वाणिज्य कर विभाग में पंजीकरण नहीं है। इस मामले को लेकर विभाग में हड़कंप मच गया है।

पूर्व में भी घोटालो का विभाग रहा है बेसिक शिक्षा

विभाग में इससे पूर्व भी कई घोटाला पहले से ही ही चल रहा था, सरकार की ओर से आवश्यक जरूरतों और संसाधनों से लैस करने के लिए भारी-भरकम बजट कई मदों में विभाग को प्राप्त होता रहता है जिसे कई अफसर, कर्मचारियों से लेकर कुछ शिक्षकों द्वारा घोटाले हुए हैं। कुछ दिन पूर्व ही जारी किए गए कंपोजिट बजट में भी गोलमाल करने की तैयारी की जा रही है वहीं स्वेटर वितरण में भी खेल करने की कोशिश उच्च स्तर पर की गई थी लेकि शासना आदेश आड़े हाथ आने से मामला टाय टाय फिस्स हो गया।

संख्या अधिक बता कर भी ड्रेस स्वेटर व जूतों में किया गया घोटाला

छात्र छात्राओं की अधिक संख्या पंजीकरण करके शिक्षकों द्वारा घोटाला किया जा रहा है जिसके की फायदे भी है बताते चलें अधिकांश बेसिक शिक्षा व उच्च प्राथमिक शिक्षा के विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम होने के बाद भी अधिक पंजीकरण दिखाई जाती है जिससे कई तरह के घोटाले शिक्षकों द्वारा किए जाते हैं एक तो अधिक छात्रों पर अपने सुविधा वाले स्कूलों में अधिक अध्यापकों की नियुक्ति हो जाती है, मिड डे मील में ज्यादा खर्च दिखाकर ज्यादा खर्च दिखाकर मील में ज्यादा खर्च दिखाकर ज्यादा खर्च दिखाकर में ज्यादा खर्च दिखाकर पैसे का बंदरबांट किया जाता, जूता और स्वेटर वितरण में भारी पैमाने पर शिक्षकों द्वारा घोटाला किया गया है जिन विद्यालयों में 20 से 50 की संख्या छात्र-छात्राओं की थी वहां सौ से डेढ़ सौ ,200 छात्राओं की संख्या दिखाकर शेष ड्रेस स्वेटर जूतों का मूल्य शिक्षकों द्वारा सप्लाई करने वालो से नगद ले लिया गया। अगर कुछ विद्यालयों के छात्र संख्या के हिसाब से उनका गांव में सत्यापित किया जाए कि क्या ये छात्र उक्त विद्यालय में पढ़ते है उन्हें ड्रेस दिया गया । तो अधिकांश शिक्षकों को जांच का नाम सुनते ही पसीने आ जाएंगे और करोड़ों का घोटाला प्रकाश में आ जाएगा।

बेसिक शिक्षाधिकारी बोले

बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है यदि ऐसी कोई शिकायत मिलती है तो जांच कराकर कार्यवाई भी की जाएगी।

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