घटना के संबंध में करीब आधा दर्जन ग्रामीण बने गवाह पुलिस कर्मियों द्वारा प्रधान वह उसके एक अन्य साथी से मारपीट व गाली गलौज देने की पुष्टि करते हुए प्रार्थना पत्र पर अपने हस्ताक्षर कर मोबाइल नंबर भी अंकित किए हैं। पुलिस के उच्चाधिकारी जहां पुलिस की छवि को सुधारने के सतत प्रयास कर रहे हैं। वही विभाग के कुछ दरोगा व सिपाही विभाग की छत पर बट्टा लगा रहे हैं। जो आम जनमानस में चर्चा का विषय बना हुआ है।