प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है। प्रदेश सरकार पर्यटन एवं ग्रामीण विकास थीम पर प्रकृति के नजदीक पर्यटकों को ला रही है। प्रदेश में वन, जंगल, वाटर फाल, पहाड़ी और हरे-भरे क्षेत्रों से भरपूर नदियां व प्राकृतिक क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवागमन हेतु वन नीति के अनुसार मार्ग बनाने, ठहरने व अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। प्रदेश में कई पक्षी विहार हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। प्रदेश के कई जिलों में प्राकृतिक दृश्य हैं जो आकर्षण के केन्द्र हैं। प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के लिए रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, महाभारत सर्किट, शक्ति सर्किट आदि सहित कई धार्मिक सर्किट बनाते हुए पर्यटकों को एक सुविधायुक्त मार्ग प्रशस्त किया गया है। उसी तरह ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए संबंधित क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए जनपद पीलीभीत स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व में विकास कार्य करा रही है। इस कार्य में उस क्षेत्र के लोगों को पर्यटकों को बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाये भ्रमण कराने में सुविधा होगी। इससे क्षेत्रीय लोगों को रोजगार मिलेगा और उनका विकास होगा।
इसी तरह प्रदेश के चंदौली के चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभ्यारण्य में स्थित राजदरी एवं देवदरी जल प्रपात स्थल पर ईका-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विकास कार्य कराये जा रहे हैं। ईको-टूरिज्म की दृष्टि से चन्दौली, मिर्जापुर, सोनभद्र जनपदों के प्राकृतिक जलप्रपात, जीवाश्म पार्क, प्राकृतिक धरोहर से भरा पड़ा है। इन स्थलों पर प्रकृति प्रदत्त प्राकृतिक स्थल भी मौजूद हैं। जिनका व्यापक प्रचार-प्रसार करके ईको-पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की योजना है। इससे राजस्व अर्जन के साथ-साथ लोगों की आमदनी में वृद्धि होगी।