थाना वजीरगंज के अन्तर्गत खोखिया, चमारन पुरवा, बंधवा,परसहवा, अम्बरफारम, देबियापुर, महुयारी गांव में प्रातः पांच बजे छापेमारी करश्याम लाल यादव, रीता, माला देवी, गुड़िया, शांति देवी, सीता देवी, मंजू देवी,ऊषा को गिरफ्तार कर इनके घरों से व आस-पास इन लोगों द्वारा छिपाकर खेतबाग व जमीन में गाड़ कर रखे गये 4 हजार लीटर लहन को नष्ट किया गया तथा 125 लीटर अवैध जहरीली कच्ची बरामद किया गया। यही नही इन लोगों के घरों में शराब रखने वाले कैन, डिब्बे, बर्तन व शराब बनाने के उपकरण बरामद किये गये हैं। छापेमारी टीम में प्रमुख रूप से जिला आबकारी अधिकारी निरंकार नाथ पाण्डेय, कृष्ण कुमार मिश्रा, अमित कुमार, अमरनाथ , राम किशुन, हाशिमफारूकी अरविन्द सिंह व महिला सिपाहियों में निशा, संजू, रायना बानो आदि मौजूद रहीं।
कुटीर उद्योग का रूप ले रहा है अवैध शराब का कारोबार
जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों के ग्रामीण अंचलों में अब अवैध शराब का कारोबार कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। हालत यह है कि शराब के इस अवैध कारोबार में पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाये भी महती भूमिका निभा रही है। ऐसा नही है कि अवैध शराब के इस कारोबार की जानकारी अपनी मित्र पुलिस को नही है। बल्कि यह धंधा इन्हीं के संरक्षण में फल, फूल रहा है। यह अलग बात है कि अवैध शराब के इस कारोबार से राज्य सरकार को प्रति वर्ष करोड़ों रुपये की राजस्व की क्षति होती है। फिर भी यह सिलसिला महज इसलिए नही थम रहा है, इसको रोकने की जिम्मेदारी पुलिस व आबकारी विभाग के कंधों पर है। जहरीली शराब पीने से जब कोई मौते हो जाती है तो यह दोनों विभाग एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराते है। कार्यवाही के नाम पर पुलिस और आबकारी विभाग प्रत्येक महीने छापेमारी कर कई कुल्टन लहन व शराब बरामद होने का दावा करता है। लेकिन सूत्र बताते है कि छापेमारी होने दूसरे दिन बाद फिर यह धंधा बेरोक-टोक जारी रहता है। पुलिस व आबकारी विभाग कागजी खानापूर्ति के लिए सिर्फ चंद लोगों को हर माह आबकारी अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर अपने कर्तव्यो की इतिश्री कर लेते है।