तेरी तलाश-वो-तलब में मैंने, बहुत से आईने हैं देख डाले। वो इक चेहरा जो खो गया है, हरेक चेहरे में हूं ढूढ़ता।। ये लाइनें लिखने वाले हिन्दुस्तान के मशहूर शायर कमर गोण्डवी के दुनिया छोड़कर चले जाने पर पूरे गोण्डा में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके चाहने वालों की भीड़ लगी रही। मशहूर शायर कमर गोंडवी ने दो दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। वो राज्य सरकार से अवार्ड पाकर सम्मानित भी हो चुके हैं।
पूरी अदबी दुनिया में अवध के इस छोटे से शहर गोण्डा को सबसे नुमाया मुकाम दिलाने वाली उर्दू साहित्य की अजीम हस्तियां हजरत असगर गोण्डवी, हजरत जिगर मुरादाबादी और हजरत कृष्णचन्द्र हैरत गोण्डवी भले ही हमारे बीच न रहे हों। फिर भी फैजाबाद रोड स्थित रकाबगंज के प्रख्यात शायर कमरुद्दीन खां कमर गोण्डवी असगर, जिगर और हैरत गोण्डवी की अदवी विरासत का चिराग पूरी दमखम से रोशन किये हुए थे। अब उनकी कमी गोण्डा को बहुत खलेगी। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई।
पूरी अदबी दुनिया में अवध के इस छोटे से शहर गोण्डा को सबसे नुमाया मुकाम दिलाने वाली उर्दू साहित्य की अजीम हस्तियां हजरत असगर गोण्डवी, हजरत जिगर मुरादाबादी और हजरत कृष्णचन्द्र हैरत गोण्डवी भले ही हमारे बीच न रहे हों। फिर भी फैजाबाद रोड स्थित रकाबगंज के प्रख्यात शायर कमरुद्दीन खां कमर गोण्डवी असगर, जिगर और हैरत गोण्डवी की अदवी विरासत का चिराग पूरी दमखम से रोशन किये हुए थे। अब उनकी कमी गोण्डा को बहुत खलेगी। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर छा गई।