एक तरफ जहां किसान पशुओं को पकड़कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पंचायत भवन में कैद कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ इतनी कड़ाके की ठंड और कोहरे में किसान अपने खेत की रखवाली करने को मजबूर हैं। खंड विकास कार्यालय रुपईडीह से सटे छितौनी गांव में सुबह दर्जनों किसान अन्ना जानवरों को लेकर काफी आक्रोशित दिखाई दिए। इन किसानों ने जिन जानवरों को अपने गांव में बांध रखा था। उन्हें खोला और सुबह सवेरे लेकर रुपईडीह ब्लॉक पहुंचे। जहां इन्होंने जानवरों को खंड विकास कार्यालय में ही बांध दिया। विकास खंड कार्यालय में जानवरों के बांधे जाते हैं यहां कार्यरत कर्मचारी कार्यालय छोड़ भाग खड़े हुए।
आपको बता दें कि जिस कार्यालय में खंड विकास अधिकारी बैठते हैं वहीं पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व पंचायत भवन भी है। जहां जानवरों के बांधे जाने से लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी। गांव के किसानों का आरोप है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जब उन्होंने पत्राचार किया तो उन्होंने उनकी शिकायत को संबंधित अधिकारी के सुपुर्द करते हुए इसके निस्तारण के निर्देश दिए। जहां से शिकायत की सुनवाई करते हुए इन जानवरों को गौशाला में रखे जाने के निर्देश भी अफसरों को दिए गए लेकिन इसके बाद भी अन्ना जानवरों को गौशाला नहीं भेजा गया और वह लगातार उनकी खेतों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिस पर उन्होंने इन जानवरों को पकड़कर वीडियो कार्यालय में बांधा है अब आगे अधिकारी जाने की जानवरों का उन्हें करना क्या है।
इस पूरे मामले पर उप जिलाधिकारी वीर बहादुर का कहना है कि सुबह ऐसा मामला सामने आया था कि कुछ जानवर गांव वाले लाकर सार्वजनिक भवन में कैद कर रहे हैं। रुपए डी ब्लॉक के सामने परिसर में छोड़ रहे हैं जिस पर नायब तहसीलदार को मौके पर भेजकर उसको शॉट आउट करा लिया है उस जानवरों को एक अस्थाई गौशाला के रूप में स्थापित करके शिफ्ट कराया गया है। जैसे ही और गौशाला जो हमारे अगल-बगल चल रही है उसमें स्थान खाली पाए जाने पर तो हम उस पर उनको स्विफ्ट कराएंगे किसानों का यह कहना है वह जानवर खेतों में घूमकर फसल को तबाह कर रहे थे इसीलिए उन लोगों ने पकड़कर एक जगह सार्वजनिक लाकर उनको बांध रहे थे और इस मामले पर पूरा प्रशासन सतर्क हैं। मुख्य विकास अधिकारी के साथ हम लोग भी लगे हुए हैं कहीं भी ऐसी कोई शिकायत है तो तुरंत उसको दिखाया जाता है।