प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी अमृत योजना के तहत शुरुआती दौर में सूबे के गोंडा बहराइच फतेहपुर शामली बस्ती बांदा सहित 25 जनपदों का चयन किया गया है। इस प्लांट को लगाने की जिम्मेदारी गोमती प्रदूषण नियंत्रण इकाई को सौंपा गया है, जहां पर यह प्लांट लगाया जाएगा उसके चारों तरफ बाउंड्री वाल वहां तक टैंकों को पहुंचने के लिए सड़क का भी निर्माण कराया जाएगा। प्रतिदिन 32 के एल डी सेप्टिक टैंक के गाद की खपत होगी। इससे बनने वाली गैस को प्लांट चलाने के लिए ईंधन के रूप में उपयोग किया जाएगा। बड़े पैमाने पर गैस बनने पर भविष्य में इसको रसोई गैस के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
जानकार बताते हैं इससे बनने वाली जयो खाद किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी। अन्य रासायनिक खादों की अपेक्षा यह जैविक खाद 20 गुने ज्यादा गुणकारी होगी। इस खाद को खेतों में डालने से एक तरफ जहां रासायनिक खादों के बढ़ते उपयोग से खेतों की छारीय क्षमता में वृद्धि हो रहा है उससे किसानों को निजात मिलेगी साथ ही साथ इस प्लांट को चलाने के लिए लागत को पूरी तरह से शून्य करने के लिए सोलर प्लांट भी लगाए जाएंगे जनपद में सीवरेज सिस्टम की व्यवस्था न होने के कारण इसकी नितांत आवश्यकता थी।
इस संबंध में पीयूष यादव ने बताया कि यह फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट अमृत योजना के अंतर्गत जल्द ही जिले में लगने वाला है। इसकी निविदा का कार्य हो गया है। यह ट्रीटमेंट प्लांट सैप्टिक टैंक के मल को खाद में परिवर्तित करेगा और यह पूरा ट्रीटमेंट प्लांट सोलर आधारित होगा। हमारा उद्देश्य है कि प्रदूषण को हम हर तरह से कम करें।