कहीं गड़बड़ झाला के कारण तो फाइलें जलकर नहीं हुई राख सरयू नहर खंड 2 समय-समय पर सुर्खियों में रहा है। करीब 5 वर्षों से तैनात यहां के अधिशासी अभियंता राधा विनोद कुमार पर कई बार आरोप लग चुके हैं। बताया जाता है कि करोड़ों रुपए का काम इस खंड में बिना ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन टेंडर कराएं चहेते ठेकेदारों को दे दिया गया। इसको लेकर विभाग के कुछ पंजीकृत ठेकेदारों ने अधिशासी अभियंता पर आरोप लगाते हुए धरना प्रदर्शन भी किया। इसके अतिरिक्त यहां सीमेंट पाइप खरीद में भी काफी कुछ गोलमाल होने की चर्चाओं का बाजार पूर्व में गर्म हो चुका है। आरोप तो यहां तक लग रहे हैं कि मार्केट रेट से दुने दाम पर सीमेंट के पाइप खरीदे गए। वर्ष 2017 में शासन के एक नए फरमान के तहत नहरों का जनपद वार बंटवारा हुआ। जिसमें बहराइच जनपद की कुछ नहरे गोंडा डिवीजन खंड 2 में आ गई। इन लहरों में गैप दिखाकर फर्जी एग्रीमेंट के जरिए अनर्गल खातों पर पैसे के भुगतान को लेकर मामला खूब गर्म हुआ। देवीपाटन मंडल के तत्कालीन आयुक्त सुदेश ओझा ने इसकी जांच कराई थी। जिसमें 90 लाख के रिकवरी का आदेश हुआ था। इस संबंध में सहायक अभियंता मनोज कुमार ने बताया कि रात्रि करीब 9:30 बजे के आसपास आग लगी थी। मेरे द्वारा तत्काल इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी गई। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया जो अभिलेख जले हैं वह पुराने एग्रीमेंट के थे। उन्होंने कहा कि जो महत्वपूर्ण अभिलेख थे वह अलग अलमारी में सुरक्षित हैं।