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बाढ़ और कटान के कारण बेघर हुए कई परिवार

locationगोंडाPublished: Aug 08, 2018 07:14:02 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

गोंडा में उफान पर आई घाघरा के बढ़ते जलस्तर से नदी खतरे के निशाने को पार कर 70 सेंटीमीटर तक आगे निकल गई है

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बाढ़ से कटान के कारण बेघर हुए कई परिवार

गोंडा. प्रदेश में कुछ दिनों तक लगातार हुई बारिश ने जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया। कहीं जलभराव से लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाए, तो वहीं कही पर बारिश के प्रकोप से मकान ढह गए। इसी के साथ किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। गोंडा में उफान पर आई घाघरा के बढ़ते जलस्तर से नदी खतरे के निशाने को पार कर 70 सेंटीमीटर तक आगे निकल गई है। इससे वहां रह रहे लोगों को परेशानी हो रही है।
लोगों में घर डूबने के डर का माहौल

परसावल में घाघरा की कटान से विहारी पुरवा पूरा नदी में समा गया। इस कारण सैकड़ों बीघें खड़ी फसलें सहित वेहटा के चरपुरवा और अस्थाई बांध के बचे हुए हिस्से पर कटान से लोग परेशान हैं। नदी के लगातार कटान के खतरे को देखते हुए नकहवा गांव के लोगों में डर है। केंद्रीय जल आयोग संस्थान एल्गिन ब्रिज घाघरा घाट पर जलस्तर का माप लिया गया। माप जलस्तर 106.766 दर्ज किया गया है।
बेघर हो गए कई परिवारों ने ढूंढा नया ठिकाना

घाघरा में लगातार हो रही कटान से पूरा गांव परेशान है। स्थानीय सदस्य जिला पंचायत रामकैलाश यादव ने कहा कि नदी में जोरदार कटान के कारण एक दर्जन से परिवार बेघर हो गया है। जो परिवार कटान के कारण बेघर हो गए, उन्होंने गांव से थोड़ी ही दूर पर बने एल्गिन चरसड़ी बांध को अपना नया ठिकाना बना लिया है। जिनके घर घाघरा की कटान में कटे है उनमें पन्नालाल, विहारी प्रसाद, नन्दकिसोर, मंगरे, शंभू, रामकली, छोटेलाल, राममिलन, रजकला, रमेश व ढोंड़े शामिल हैं।
गौरतलब है कि भारी बारिश ने कई घर तबाह किए हैं। सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा। पानी अंदर तक भर जाने से कई कच्चे मकान तहस नहस हो गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावितों को मुआवजा देकर आर्थिक मदद करने की बात कही है।

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