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घाघरा का कहर जारी, बांध कटकर नदी में समाया

locationगोंडाPublished: Aug 25, 2017 01:52:00 pm

घाघरा का जलस्तर तेजी से घट रहा था तो बांध में कटान हो रही थी।

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गोंण्डा। घाघरा का जलस्तर तेजी से घट रहा था तो बांध में कटान हो रही थी। तो गुरुवार को जलस्तर तेजी से बढ़ रहा था तब बांध में तेज कटान हो रही थी। पिछले दो दिनों के अंदर करीब 110 मीटर बांध कटकर नदी में समा चुका है और लगातार अभी भी कटान जारी है। करीब दो सौ मीटर से अधिक हिस्से में बांध में लम्बी दरार भी आ चुकी है। बांध को नदी पहले नीचे से काटकर खोखला कर देती है, जिससे बांध में दरार आ जाती है।

 

कुछ ही देर बाद जहां से दरार पड़ती है, वह हिस्सा नदी में समा जा जाता है। एक तरफ बांध कट कर नदी में समा रहा है तो बांध बचाव कार्य में लगे अधिकारी बांध को पूरी तरह से सुरक्षित होने का दावा कर रहे हैं। कटान के चलते कट-वन व कट-टू के बीच की दूरी लगातार बढ़ रही है। बाढ़ का पानी लगातार बिना रोंक टोक करनैलगंज क्षेत्र के गावों में घुस रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। कटान के चलते ही नदी की धारा सीधे नकहरा गांव की तरफ बह रही है। गुुरुवार को नाव पर पंपिंग सेट बांधकर बल्ली पाइलिंग कार्य कराया जा रहा था। मजे की बात यह रही कि मात्र आधा दर्जन मजदूर बांध की कटान को रोंकने के लिए बल्ली पायलिंग का कार्य कर रहे थे। मौके पर मौजूद अवर अभियंता एमके सिंह ने बताया कि पानी का दबाव बांध पर बना हुआ है। बल्ली पाइलिंग करवाकर बांध से सटकर बह रही नदी की धारा को दूर करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि बांध का हिस्सा कटकर नदी में समा चुका है।

घाघरा के घटते-बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ पीडितों की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने लगी हैं। बांध के कटे हुए हिस्से से क्षेत्र में घुस रहा घाघरा के पानी से बाढ़ प्रभावित गावों में भरा पानी फिर से फूलने लगा है। पिछले दो दिनों से बाढ़ से प्रभावित गावों में पानी घटने लगा था जिससे बाढ़ पीड़ितों में एक बार फिर घर वापसी की उम्मीदें बंधी थी। मगर उनकी एक बार फिर उनकी उम्मीदों पर बाढ़ का पानी फिर गया है। जल स्तर बढ़ते ही इन गांवो से होते हुए बाढ़ का पानी सीधे उन गांवो की तरफ रुख कर चुका है। जो एक सप्ताह पूर्व तक बाढ़ के पानी से प्रभावित थे।

 

घाघरा के मुहाने पर बसे ग्राम गौरासिंहपुर, नकहरा, काशीपुर, प्रतापपुर, घरकुइंया, रेक्सड़िया, पूरेअंगद, पूरेअजब, बहुवन मदार माझा, परसावल, नैपूरा, कमियार, बेहटा, मांझा रायपुुर, सहित कई अन्य गांव अभी भी पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में थे। जहंा दो दिनों से पानी घट रहा था लोगों को उम्मीद थी कि अब बाढ़ से शायद मुक्ति मिल जाये। मगर गुरुवार से इन गावों के साथ ही आसपास के गावों जहंा से बाढ़ का पानी गावं के बाहर हो चुका था वहंा बाढ़ का पानी फिर से दस्तक देने लगा है। भले ही बाढ़ का पानी घटा हो मगर 65 ग्राम पंचायतों के करीब 560 मजरे अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। तहसीलदार रमेश बाबू ने बताया कि मंगलवार से लंच पैकेट बनना बंद करवा दिया गया है। गुरुवार से राहत किट का वितरण शुरू करवाया गया है। प्रति पीड़ित परिवार को एक किट दिया जा रहा है। पानी बढ़ रहा है जिससे कुुछ मजरों में भरे पानी के बढ़ने का अनुमान है। बाढ़ का पानी गावों से अब घटने लगा है। मगर पानी बढने पर मुस्किलें आ सकती हैं।

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