गोंडा जिले के करनैलगंज सहित बाराबंकी के सरहदी इलाकों से होकर बहने वाली घाघरा और सरयू नदियों में आ रहा गिरिजा, शारदा और सरयू बैराजों का पानी लगातार उत्पात मचा रहा है, जिससे इन दोनों नदियों का जलस्तर कभी नीचे तो कभी ऊपर होने का सिलसिला लगातार जारी है। वहीं रह-रह कर हो रही बारिश का भी असर इन नदियों पर देखा जा रहा है। बाढ़ से प्रभावित लोगों का हाल बेहाल है। तेज धूप के साथ बारिश से इनका जीना मुहाल कर दिया है। सोमवार को फिर घाघरा का जलस्तर बढ़ते हुए क्रम में देखा गया।
केन्द्रीय जल आयोग संस्थान एल्गिन ब्रिज घाघराघाट के अनुसार सोमवार की सुबह घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान 106.07 से सापेक्ष 106.736 दर्ज किया गया जबकि रविवार को यह घटकर 106.616 ही रह गया था। लगातार घट बढ़ रहे जलस्तर के साथ घाघरा कई स्थानों पर कटान भी कर रही है। इससे इसकी जद में रहने वाले गांवों के लोगों की सांसें थमी हुई हैं। तमाम खेती वाली भूमि सहित खड़ी फसलों को भी नदी ने काट कर तबाह कर दिया है। परसावल में अब तक एक पूरे गांव को ही नदी ने तबाह कर डाला है। सिंचाई विभाग के अवर अभियंता एमके सिंह का कहना है कि एल्गिन चरसड़ी बांध पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी स्परों सहित कटान वाले नोजों को प्रोटेक्ट किया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर सुबह के समय नदी कटान करती है।
सोमवार को भी ढाई लाख बना रहा डिस्चार्ज
घाघरा और सरयू से जुड़े बैराजों को मिलाकर कुल डिस्चार्ज 2 लाख 49 हजार 879 क्यूसेक रहा। अगर विभिन्न बैराजों का अलग-अलग आंकलन किया जाय तो शारदा बैराज 1 लाख 26 हजार 629 क्यूसेक, गिरिजा बैराज 1 लाख 23 हजार 73 क्यूसेक व सरयू बैराज में कुल 177 क्यूसेक का डिस्चार्ज रहा।
घाघरा और सरयू से जुड़े बैराजों को मिलाकर कुल डिस्चार्ज 2 लाख 49 हजार 879 क्यूसेक रहा। अगर विभिन्न बैराजों का अलग-अलग आंकलन किया जाय तो शारदा बैराज 1 लाख 26 हजार 629 क्यूसेक, गिरिजा बैराज 1 लाख 23 हजार 73 क्यूसेक व सरयू बैराज में कुल 177 क्यूसेक का डिस्चार्ज रहा।