मामला कोतवाली क्षेत्र के बैरीपुर रामनाथ गांव के मजरे शुक्लपुरवा का है। गांव के सुभाषचंद पांडेय का 21 वर्षीय पुत्र दीपक उर्फ बंटी अपने रिस्ते की मौसेरी बहन मीनू दीक्षित 22 वर्ष पुत्री नाथू राम दीक्षित निवासी गाडी बाजार कर्नलगंज की अपने कमरे में गोली मार कर हत्या कर दी। इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। बताया जाता है कि प्रेमी दीपक और प्रेमिका मीनू के बीच किसी बात को लेकर साढ़े दस बजे कहासुनी हो गई थी। इसके बाद नाराज दीपक ने कमरा बंद कर मीनू को गोली मार दी और फिर खुद को गोली से उड़ा लिया। गोली चलने की आवाज सुनकर परिजन कमरे की तरफ दौड़े तो दरवाजा अंदर से बंद था। किसी तरह दरवाजा तोड़कर वह अंदर गए तो दोनों को खून से लथपथ देखकर सन्न रह गए। परिजनों ने दोनो को बाहर निकाला। गोली लगने से दीपक की मौके पर ही मौत हो गई। दोनो को सीएचसी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने दीपक को मृतक घोषित कर दिया। घायल मीनू की हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल लाते समय रास्ते में ही उसी मौत हो गई। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे मे लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। परिजन सुभाष चंद की तहरीर पर हत्या-आत्महत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना स्थल का पुलिस अधीक्षक उमेश कुमार सिंह व पुलिस क्षेत्राघिकारी शंकर प्रसाद ने जायजा लिया।
बताया जाता है कि कोतवाली कर्नलगंज क्षेत्र के गाडी बाजार निवासी नाथूराम दीक्षित काफी समय से चंडीगढ़ में रहकर मजदूरी करते हंै। उनकी छह संतानों में चार लड़के व दो लड़कियां हैं। सबसे छोटी मीनू थी। मनकापुर कोतवाली के बैरीपुर रामनाथ के शुक्लपुरवा गांव निवासी के बेटे दीपक पांडेय से उसको प्यार हो गया। दोनों रिस्ते में मौसेरे भाई-बहन थे। मंगलवार को घटना उस समय हुई जब सोनू (मृतका का भाई) अपने बहन को वापस चंडीगढ़ ले जाने की तैयारी कर रहा था।
बताया जाता है कि दीपक कुंआरा था और मीनू का विवाह बलरामपुर निवासी राहुल के साथ हुआ था, लेकिन वह खुश नही थी। मृतका मीनू अपने चंडीगढ़ मायके से बीते 21सितम्बर को अचानक लापता हो गई थी। परिजनों द्वारा खोजबीन के उपरांत 25 सितम्बर को मनी बाजार पुलिस स्टेशन (चंडीगढ़) गुमशुदगी दर्ज की थी, लेकिन पहली अक्टूबर को मौसी ने फोन कॉल करके मीनू के ठिकाने की जानकारी परिजनों को दी। मीनू का भाई सोनू उस को लेने 2 अक्टूबर को बैरीपुर रामनाथ पहुंचा था। इसके पूर्व फोन पर मीनू के मिलने की सूचना भाई ने बलरामपुर (ससुराल) जनो को दी, जहां से मीनू का पति जीजा सोमवार को बैरीपुररामनाथ आया और बलरामपुर चलने की बात कही। इसके बाद मीनू बैचैन हो गई। मंगलवार को भाई-बहन के पवित्र रिस्ते का हवाला देकर भाई सोनू चंडीगढ़ चलने की सिफारिश किया कि आचानक घटना घट गई, जिससे दोनों परिवारों पर पहाड़ टूट पड़ा।